आंखों देखी : Indoor Stadium Raipur में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए अवतरित हुए कान्हा, करते हैं...

आंखों देखी : Indoor Stadium Raipur में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए अवतरित हुए कान्हा, करते हैं…

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रायपुर/नवप्रदेश। इंडोर स्टेडियम रायपुर (indoor stadium raipur) को कोविड हाॅिस्पटल बनाया गया है। यहां कोरोना मरीजों (corona patient) के इलाज  के लिए मानों कान्हा (kanha) ने अवतार ले लिया है। इस कान्हा के पास मरीजों को ठीक करने की कोइ दिव्य शक्ति तो नहीं है। लेकिन कान्हा के अपनत्व व सेवाभावा से इंडोर स्टेडियरम रायपुर (indoor stadium raipur) के कोविड हॉस्पिटल (covid hospital) में आने वाले हर शख्स को अपने मन से खौफ को दूर करना आसान हो जाता है।

ये कान्हा (kanha) हैं नगर निगम रायपुर  का सफाई कर्मचारी, जो पूरी सिद्दत से अपनी ड्यूटी करता है। कान्हा की ही तरह उसके अन्य साथी भी अपना काम बिना किसी शिकायत के करते हैं। लेकिन कान्हा का अंदाज अपने अन्य साथियों की तुलना में काफी जुदा है। कान्हा साफ-सफाई व मरीजों को खाना देने का काम तो करता ही है। लेकिन नए मरीजों से बात भी कर लेता है।

अकेले होते हैं जो मरीज उनके लिए कान्हा बन जाता है परिजन  

उनका हाल-चाल पूछता है। आम तौर पर कोरोना मरीजों (corona patient) को लेकर लोगों की सोच में काफी अंतर आ जाता है। लेकिन इससे परे जाकर कान्हा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बात कर लेता है। ऐेसे मरीज जो इंडोर स्टेडियम रायपुर के कोविड हॉस्पिटल (covid hospital) में अकेले आते हैं, उनके लिए कान्हा अपने किसी परिजन से कम नहीं है।

ग्रुप में आने वाले मरीजों को तो बात करने के लिए साथी होते हैं, लेकिन जो अकेले आते हैं उनके लिए नई जगह पर शुरुआती दिन उबासी भरे हाेते हैं। ऐसे मरीजों की उबासी कान्हा से बात कर दूर हो जाती है। फिर क्या… ऐसे मरीजों को यहां घर जैसा लगने लगता है। कान्हा मरीजों को कुछ व्यायाम आदि के बारे में जानकारी भी दे देता है।

झाड़ू, कचरा उठाने से लेकर चाय व खाना बांटने का जिम्मा

मरीज को खाना देता कान्हा(बाएं)। कचरे को निस्तारण के लिए ले जाता उसका एक साथी (दाएं)।

आम तौर पर इंडोर स्टेडियम में भर्ती कोरोना मरीजों को खाना पहुंचाने का काम कान्हा ही करता है। लेकिन वह अपने अन्य साथियों की तरह कचरा भी उठाता है और भोजन  के बाद हर ब्लॉक में झाड़ू भी लगाता है। बातचीत से अपने अन्य साथियों की तुलना में ठीक-ठाक पढ़ा लिखा जान पड़ता है, लेकिन उसके व्यवहार में इस बात का कोई घमंड नजर नहीं आता। कान्हा ही मानें तो कभी किसी मरीज की स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों की रिक्वेस्ट पर वह तथा उसके अन्य साथ मरीज को ऑक्सीजन रूम तक ले जाने में भी मदद कर लेते हैं। आज कोरोना पर विजय प्राप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश के हर कोरोना वारियर्स को जरूरत है तो बस कान्हा व उसके साथियों के जैसे सेवा व समर्पण भाव की। (छाया प्रतीकात्मक- श्रीकृष्ण के इस रूप की तस्वीर लगाने के पीछे का हमारा मकसद इन कोरोना वॉरियर्स का सम्मान है जो अपनी जान की परवाह किए बगैर भगवान की तरह दूसरे लोगों की सेवा कर रहे हैं।)

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