Indo-US Fighter Jet Engine Deal : अमेरिकी संसद की मंजूरी के बाद मार्क-2 तेजस इंजिन का रास्ता साफ़

Indo-US Fighter Jet Engine Deal : अमेरिकी संसद की मंजूरी के बाद मार्क-2 तेजस इंजिन का रास्ता साफ़

Indo-US fighter jet engine deal

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अमेरिकी संसद ने डील को मंजूरी दी अब भारत को 80 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर होगी टेबल टॉक

नवप्रदेश डेस्क। Indo-US fighter jet engine deal : अमेरिकी संसद ने भी आखिरकार जेट इंजिन वाली डील को अपनी मंजूरी दे दी है। इस डील के तहत अमेरिका ने भारत के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, जेट इंजन का निर्माण और लाइसेंस का एग्रीमेंट किया था। इस डील को मंजूरी मिलने से दोनों देशों के बीच स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और मजबूत होगी।

बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच हुई फाइटर एयरक्रॉफ्ट इंजन की डील को मंजूरी दे दी है। भारत की हिंदुस्तान ऐयरोनॉटिक्स लिमिटेड और अमेरिका की GE ऐयरोस्पेस के बीच साथ मिलकर फाइटर जेट के इंजन बनाने को लेकर एग्रीमेंट हुआ था।

इस डील के तहत अमेरिका ने भारत के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, जेट इंजन का निर्माण और लाइसेंस का एग्रीमेंट किया था। संसद से स्वीकृति के पश्चात् GE एयरोस्पेस कंपनी F-414 फाइटर जेट इंजन के निर्माण के लिए अपनी 80 प्रतिशत तकनीक भारत को ट्रांसफर करेगी।

इंजन ‘तेजस मार्क-2’ के लिए बनाए जाएंगे। मार्क-2 तेजस का एडवांस मॉडल है और इसमें GE-F414 इंजन लगना है। यह भविष्य के स्वदेशी इंजनों के लिए आधार बनेगा जो सैन्य जेट को ताकत देंगे। सौदे के तहत 99 जेट इंजनों का निर्माण किया जाएगा, जो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होने की वजह से कम महंगे होंगे। F-414 इंजन अपनी विश्वसनीयता और प्रदर्शन के लिए मशहूर हैं।

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