GDP को पटरी पर लाने 100 लाख करोड़ के निवेश का डोज
- केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने दी पांच साल के लिए बनी योजना की जानकारी
- बुनियादी ढांचा क्षेत्र में खर्च होगी ये राशि
- 102 लाख करोड़ रुपए की लागत वाले प्रोजेक्ट की कर ली गई पहचान
- देश को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बढ़ा कदम
नई दिल्ली/नवप्रदेश। जीडीपी (gdp) को रफ्तार (boosting) देने के लिए अगले पांच साल में देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र (infrastructure sector) में 100 लाख करोड़ (100 lakh crore investment) रुपए खर्च किए जाएंगे।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister sitaraman) ने मंगलवार को इस संबंध की योजना पेश की। इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचा क्षेत्र (infrastructure sector) में सरकारी खर्च को बढ़ावा देने के साथ ही अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाना है। सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस योजना के बारे में जानकारी दी।
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उन्होंने (finance minister sitaraman) कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये (100 lakh crore rupees) के निवेश की बात पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘इसके तुरंत बाद ही महज चार महीने की अवधि में ही 70 स्टेकहोल्डर्स से परामर्श के बाद 102 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की पहचान की गई।’ इससे जीडीपी (gdp) को रफ्तार (boosting) मिलेगी ।
मंत्री (finance minister sitaraman) ने कहा कि 3 लाख करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं को भी इसके साथ रखा जा सकता है। साल के आखिरी दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 2019 में किए गए अपने मंत्रालय के कार्यों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने मोदी सरकार के लिए इस साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि वह अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
ऐसे बनी योजना
- सीतारमण ने कहा कि अगले पांच सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे।
- इसके लिए गठित टास्क फार्स ने 102 लाख करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट की पहचान की है।
- नतीजे पर पहुंचने से पहले करीब 70 अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ गहनता से चर्चा की गई और इन
- प्रोजेक्ट्स को फाइनल किया गया है।
39 फीसदी केन्द्र और इतनी ही हिस्सेदारी हर राज्य की
वित्त मंत्री ने कहा कि मंगलवार को राष्ट्रीय अवसंरचना परियोजना क्रियान्वयन प्रक्रिया के तहत आने वाली Óयादातर ढांचागत परियोजनाएं इन क्षेत्रों से ही होंगी। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में &9 प्रतिशत केन्द्र सरकार और &9 प्रतिशत राÓय सरकारों के हिस्से की होंगी, जबकि 22 प्रतिशत निवेश निजी क्षेत्र से किया जाएगा।
6 साल में केंद्र व राज्यों ने मिलकर खर्च किए 51 लाख करोड़
केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले 6 साल में हमारी सरकार का फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रहा। इस दौरान केंद्र और राÓय सरकारों ने मिलकर इनपर 51 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो जीडीपी का 5-6 फीसदी है।
सर्वाधिक 25 लाख करोड़ बिजली क्षेत्र के प्रोजेक्ट के लिए
सीतारमण ने बताया कि करीब 25 लाख करोड़ रुपये की परियोजनायें बिजली क्षेत्र में हैं, जबकि 20 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं सड़क निर्माण की हैं और करीब 14 लाख करोड़ रुपये की रेल परियोजनायें हैं जो कतार में हैं और जिनके क्रियान्वयन की तैयारी है। उन्होंने बताया कि बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं में अक्षय ऊर्जा परियोजनायें भी शामिल हैं। इसके अलावा रेलवे, शहरी विकास, सिंचाई, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और डिजिटल क्षेत्र की परियाजनाएं शामिल हैं।