Increase Area : 4 गुना बढ़ा सरसों का रकबा, कम लागत में अधिक लाभ से बढ़ा किसानों का रुझान
रायपुर/नवप्रदेश। Increase Area : छत्तीसगढ़ राज्य में परंपरागत तौर पर धान की खेती करने वाले कृषक अब धान के साथ-साथ अन्य लाभकारी फसलों की खेती करने लगे हैं। रबी सीजन में सरसों की खेती की ओर राज्य के किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है। यही वजह है कि चार सालों में सरसों की खेती का रकबा 41 हजार हेक्टेयर से बढ़कर अब एक लाख 66 हजार हेक्टेयर हो गया है।
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली सरसों की खेती का बढ़ता रकबा कृषि के क्षेत्र में समृद्धि का एक सुखद संकेत है। वर्ष 2017-18 के रबी सीजन में राज्य में 41,430 हेक्टेयर में सरसों की खेती किसानों ने की थी। वर्ष 2021-22 रबी सीजन में राज्य में 1,66,450 हेक्टेयर में सरसों की खेती की जा रही है।
रायगढ़ जिले में 4 साल में 18 गुना की बढ़ोतरी
छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में चार सालों में सरसों की खेती (Increase Area) के रकबे में लगभग 18 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2017-18 में इस जिले में मात्र 1,290 हेक्टेयर में सरसों की खेती होती थी, जिसका रकबा अब बढ़कर 22,800 हेक्टेयर हो गया है। सरगुजा संभाग के लगभग सभी जिलों में सरसों की खेती की ओर किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है और रकबे में दो से तीन गुना की वृद्धि हुई है।
बलरामपुर जिले में 8,030 हेक्टेयर सरसों का रकबा बढ़कर अब 27,950 हेक्टेयर हो गया है।
जशपुर जिले में पहले 3,600 हेक्टेयर में सरसों की खेती होती थी, जो अब बढ़कर 11,950 हेक्टेयर हो गई है।
सूरजपुर जिले में सरसों का रकबा 4,000 हेक्टेयर से बढ़कर 11,000 हेक्टेयर।
सरगुजा में 5,500 हेक्टेयर से बढ़कर 12,000 हेक्टेयर पहुंच गया है।
रायपुर जिला भी नहीं रहा अछूता
राज्य के रायपुर जिले में भी सरसों के रकबे में लगभग सवा चार गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2017-18 में रायपुर जिले में मात्र 1,340 हेक्टेयर में सरसों की खेती होती थी, जो अब बढ़कर 5,690 हेक्टेयर हो गई है।
गरियाबंद जिले में सरसों की खेती का रकबा 40 हेक्टेयर से बढ़कर 2940 हेक्टेयर हो गया है। इस जिले में चार सालों में सरसों के रकबे में लगभग 73 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।
राज्य के बेमेतरा और बालोद जिले में भी सरसों के रकबे में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी हुई है। बस्तर जिले में सरसों का रकबा 1000 हेक्टेयर से बढ़कर 5,750 हेक्टेयर हो गया है।
कोण्डागांव जिले के किसान भी अब सरसों की पैदावार करने लगे हैं। कोण्डागांव जिले में सरसों का रकबा 70 हेक्टेयर से बढ़कर 11,340 हेक्टेयर पहुंच चुका है।
नारायणपुर जिले में 4100 हेक्टेयर में, कांकेर में 6000 हेक्टेयर में सरसों की खेती होने लगी है। पहले इन जिलों में सरसों की खेती गिनती के किसान किया करते थे।
कोण्डागांव, बस्तर, नारायणपुर के किसानों से प्रेरित होकर अब दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर के किसान भी सरसों की खेती को अपनाने लगे हैं।
किसान हितैषी नीतियों से मिला बढ़ावा
छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिला है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के बदले अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10,000 रूपए की आदान सहायता ने किसानों को अन्य लाभकारी फसलों की खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया है।
राज्य में बीते वर्ष सरसों की खेती 1,36,000 हेक्टेयर में की गई थी, इस साल इसमें लगभग 30,000 हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है और इसका रकबा बढ़कर 1,66,450 हेक्टेयर हो गया है। राज्य में चालू रबी सीजन में सरसों (Increase Area) की बुआई पूर्णता की ओर है।