Illegal Plotting Notice : अवैध प्लॉटिंग के मामले में नोटिस के बाद भी कार्रवाई नहीं
गरियाबंद/नवप्रदेश। Illegal Plotting Notice : जिला मुख्यालय के नगर पालिका में कृषि भूमि के अवैध प्लाटिंग का मामला सुर्खियों में है। नगर पालिका ने तो 12 लोगों को नोटिस तक जारी किया था, 3 दिनों के भीतर अगर जवाब नहीं दिया या फिर संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में नगर पालिका कार्यवाही करेगी, अब तो नगरपालिका को ही अवैध प्लाटिंग के मामले में सलाह लेने की जरूरत पड़ गई है, यहां के नगर पालिका प्रशासन को जानकारी नहीं है कि अवैध प्लाटिंग के मामले में कार्यवाही क्या होनी चाहिए।
इस संबंध में जब नगरपालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (Illegal Plotting Notice) टामसन रात्रे का कहना है कि राजधानी में बैठे अफसरों से इस मामले में सलाह ली जाएगी, इसके बाद क्या कार्रवाई हो सकती है, इसको लेकर आगे कदम नगरपालिका बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि जिनके खिलाफ नोटिस जारी की गई थी उन संबंधित व्यक्तियों ने जवाब दिया है, शासन के जो निर्देश है उसके मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिला जरूर बन गया है बड़े अफसर जरूर पदस्थ हैं लेकिन नगर पालिका को राजधानी में बैठे उच्चाधिकारियों से सलाह लेने की जरूरत पड़ी है अपने आप मैं ताज्जुब से कम नहीं है, इससे ऐसा लगता है कि गरियाबंद जिले में कोई जानकार अफसर नहीं है इसलिए तो राजधानी में बैठे अफसरों का सहारा लेने की बात हो रही है। यहां कई वर्षों से अवैध प्लाटिंग सेटिंग के तहत की जा रही है जिसमें प्रशासन के लोग भी संलग्न है, जिसकी वजह से कार्यवाही करने के नाम पर नगर पालिका प्रशासन भी असहाय की भूमिका में है।
जानकारी तो नगर पालिका प्रशासन (Illegal Plotting Notice) को भी है, इस मामले में ऐसा लगता है कि नगर पालिका प्रशासन खानापूर्ति करने में जुटी हुई है, खबरें लगातार प्रकाशित की जा रही है, नियमों की धज्जियां उड़ा कर अवैध प्लाटिंग के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है, कार्यवाही क्या होनी चाहिए, इसका भी ज्ञान नगर पालिका प्रशासन को नहीं है। बहरहाल अवैध प्लाटिंग का मामला गरमाया हुआ है, भेंट मुलाकात में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिकायत के बाद भी इस मामले में प्रशासनिक शिथिलता है, यह तो तय है कि नगर पालिका प्रशासन कब उच्चाधिकारियों से सलाह लेगी, अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कार्यवाही को अंजाम कब दिया जाएगा, इसका भी जवाब नगर पालिका प्रशासन के पास नहीं है, देखा जाए तो यह कहा जा सकता है कि कार्यवाही ठंडे बस्ते में है ।