Home लोन, कार लोन की EMI 'जैसी थीं' वैसी ही रहेंगी, आरबीआई ने जारी की ब्याज दरों पर…

Home लोन, कार लोन की EMI ‘जैसी थीं’ वैसी ही रहेंगी, आरबीआई ने जारी की ब्याज दरों पर…

Home Loan EMI of car loan will remain the same 'as it was', RBI has issued guidelines on interest rates…

Home Loan EMI

-रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी कमेटी की तीन दिवसीय बैठक आज हुई
-आरबीआई गवर्नर ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी

मुंबई। Home Loan EMI: रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी कमेटी की तीन दिवसीय बैठक आज संपन्न हुई। इसके बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। रिजर्व बैंक ने बताया कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। यह सातवीं बार है जब रेपो दरों को अपरिवर्तित रखा गया है। दास ने बताया कि समिति के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में वोट किया। नये वित्तीय वर्ष का यह पहला मौका है।

दास ने कहा मुद्रास्फीति में गिरावट देखी गई है। लेकिन खाद्य कीमतों में अनिश्चितता एक चुनौती है और मुद्रास्फीति का डर है। वैश्विक मुद्रास्फीति (Home Loan EMI) लक्ष्य के करीब है। दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ता कर्ज चिंता का विषय है। सार्वजनिक ऋण प्रबंधन में भारत का प्रदर्शन उत्कृष्ट है। इसके अलावा फरवरी और मार्च महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिली। इस मौके पर दास ने संभावना जताई कि ग्रामीण इलाकों में मांग में सुधार के चलते वित्त वर्ष 2025 में अर्थव्यवस्था दुरुस्त रह सकती है।

दास ने जीडीपी पर क्या कहा?

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी और तीसरी-चौथी तिमाही में 7 फीसदी रहने का अनुमान है।

इससे पहले फरवरी 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया था। तब से रेपो रेट स्थिर है। रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी कमेटी की बैठक से पहले एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने अपनी शोध रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि भारत अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन करेगा। ‘अमेरिकी बाजार में संरचनात्मक परिवर्तन हो रहे हैं, जहां बेरोजगारी दर कम है और नौकरियां अधिक हैं।

वर्तमान में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढऩे से महंगाई बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2025 में जमा और ऋण में क्रमश: 14.5-15प्रतिशत और 16-16.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में ही ब्याज दर में कटौती कर सकता है।

इस तारीख को बैठकें?

रिजर्व बैंक के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में कुल छह मौद्रिक नीति समिति की बैठकें होंगी। पहली बैठक 3 से 5 अप्रैल 2024 को हुई थी। एमपीसी की दूसरी बैठक 5 से 7 जून तक, जबकि तीसरी बैठक 6 से 8 अगस्त तक होगी। चौथी बैठक 7 से 9 अक्टूबर तक, पांचवीं बैठक 4 से 6 दिसंबर तक, क्रेडिट पॉलिसी कमेटी की छठी और आखिरी बैठक नए साल 2025 में 5 से 7 फरवरी तक होगी।

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