Hemant Soren Work : सीएम हेमंत सोरेन का प्रयास ला रहा रंग, आइए जानते हैं कैसे...

Hemant Soren Work : सीएम हेमंत सोरेन का प्रयास ला रहा रंग, आइए जानते हैं कैसे…

रांची, नवप्रदेश। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर शुरू हुई सुओ मोटो ऑनलाइन म्यूटेशन (स्वत: दाखिल-खारिज) प्रक्रिया अब रंग लाने लगी है। इससे जमीन की रजिस्ट्री होते ही कागजात ऑनलाइन रजिस्ट्री ऑफिस से दाखिल-खारिज के लिए सीधे संबंधित अंचल कार्यालय पहुंच रहे हैं।

इसका संदेश भी रजिस्ट्री करानेवाले के मोबाइल पर मैसेज से मिल रहा है। इससे जमीन रजिस्ट्री कराने के बाद दाखिल-खारिज प्रक्रिया में बिचौलियों की घुसपैठ भी खत्म हुई है। आमजन को राहत मिली (Hemant Soren Work) है।

एक माह में शत-प्रतिशत स्वतः म्यूटेशन

मुख्यमंत्री ने एक दिसंबर 2022 को संपूर्ण राज्य में यह व्यवस्था लागू की थी। जिसके तहत अबतक राज्य भर में निबंधित 12,569 डीड में से 12,489 डीड (कुल 99.36 प्रतिशत) संबंधित अंचलाधिकारी को सुओ मोटो म्यूटेशन के लिए भेजे जा चुके (Hemant Soren Work) हैं।

जो डीड तकनीकी कारण से निबंधन कार्यालय से स्वतः अंचल कार्यालय प्रेषित नहीं हुए हैं, उसके लिए संबंधित निबंधन पदाधिकारी के स्तर पर डीड को भेजने के लिए ऑनलाइन पुश बटन का प्रावधान किया गया है, जिसका उपयोग कर निबंधन पदाधिकारी ऐसे डीड को संबंधित अंचल कार्यालय को भेजेंगे।

पहले होती थी परेशानी

पूर्व में जमीन की रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन के लिए अलग से आवेदन देना पड़ता था, जिससे लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इन समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार द्वारा सम्पूर्ण राज्य में सुओ मोटो म्यूटेशन का शुभारंभ किया गया। जिससे निबंधन के समय ही डीड संबंधित अंचलाधिकारी को ऑनलाइन प्रेषित हो जाता है तथा इससे संबंधित एसएमएस डीड के पक्षकार को स्वतः प्रेषित होता (Hemant Soren Work) है।

जमीन रजिस्ट्री करानेवाले को मिले एसएमएस में यह बताया जाता है कि आपका डीड दाखिल-खारिज के लिए संबंधित अंचलाधिकारी को भेज दिया गया है तथा डीड के दाखिल-खारिज के लिए अब अलग से आवेदन देने की कोई आवश्यकता नहीं है।

सुगमता पूर्वक हो रहा कार्य

सुओ मोटो म्यूटेशन की प्रक्रिया के शुभारंभ के बाद डीड का पीडीएफ अंचलाधिकारियों को एक क्लिक पर सुगमता से भेजा जा रहा है। यदि भेजे गए मेटा डाटा में पक्षकार की जाति अथवा पक्षकार के पिता के नाम आदि से संबंधित त्रुटि रहती है,

तो इसके सुधार के लिए संबंधित अंचलाधिकारी के लॉग-इन में सुधार मॉड्यूल उपलब्ध कराया गया है। इससे दाखिल-खारिज प्रक्रिया से जुड़ा कार्य आसानी से किया जा रहा है। इसकी सतत निगरानी भी की जा रही है।

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