अमर जननायक बिरसामुण्डा की जयंती पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया नमन
रायपुर/नवप्रदेश। Birsamunda : आज पुरे देश सहित छत्तीसगढ़ में भी अमर जननायक बिरसामुण्डा की जयंती मनाई जा रही है। भारत सरकार के निर्देश पर 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती “जनजातीय गौरव दिवस” रूप में मनाई जा रही है। आज बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में बिरसा मुण्डा को भगवान की तरह पूजा जाता है और उनके बलिदान को याद किया जाता है।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महान आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बिरसा मुंडा को अपनी श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए कहा “महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकनायक बिरसा मुण्डा जी की जयंती पर सादर नमन।भगवान बिरसा मुण्डा जी ने महाविद्रोह ‘ऊलगुलान’ चलाकर तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी। उन्होंने अंग्रेजों से न केवल राजनीतिक आजादी के लिए संघर्ष किया। बल्कि आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ी। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लोक नायक के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे।”
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महान आदिवासी जननेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवम्बर पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अमर सेनानी बिरसा मुण्डा जननायक थे। उन्होंने आदिवासी समुदाय को जल, जंगल, जमीन के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने हक की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा दी। बिरसा मुण्डा जी ने तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य की नीतियों का विरोध किया और आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए जीवन भर काम किया। आदिवासी समुदाय आज उन्हें भगवान की तरह पूजता है । उनके क्रांतिकारी विचार और देश प्रेम की भावना आज भी लोगों को प्रेरित करती है।