G20 Declaration : 200 घंटे की चर्चा के बाद तय हुआ G20 घोषणा पत्र, शशि थरूर ने की प्रशंसा

G20 Declaration : 200 घंटे की चर्चा के बाद तय हुआ G20 घोषणा पत्र, शशि थरूर ने की प्रशंसा

G20 Declaration :

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प्लेनेट, पीपुल, पीस और प्रॉस्पेरिटी के टाइटल के साथ 8 पैराग्राफ जियोपॉलिटिकल मुद्दों पर केंद्रित

नवप्रदेश डेस्क। G20 Declaration : भारत में हुए G20 शिखर सम्मलेन की कामयाबी आसमान चढ़कर बोल रही है। नतीजतन विरोधी खेमे के नेता भी सम्मिट और घोषणा पत्र की शतप्रतिशत सहमति देशों ने दी है। सभी देशों ने सर्वसम्मति से नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन का समर्थन किया है। इस पत्र में न कोई फुटनोट है और न ही कोई चेयर समरी। यह 100 प्रतिशत सर्वसम्मति वाला संपूर्ण वक्तव्य है।

PM मोदी ने कहा था कि भारत की प्रेसिडेंसी सबको साथ लाने वाली हो जो कुछ निर्णायक नतीजा दे सके। मजे की बात यह कि नई दिल्ली घोषणा पत्र में कुल 83 पैराग्राफ हैं और इन सब पर 100% सहमति बनी है। इसके अलावा प्लेनेट, पीपुल, पीस और प्रॉस्पेरिटी के टाइटल के साथ 8 पैराग्राफ जियोपॉलिटिकल मुद्दों पर केंद्रित हैं। इन पर भी सभी सदस्यों ने सहमति जताई है। भारतीय शेरपा के मुताबिक 300 बैठकों और15 ड्राफ्ट के बाद G20 घोषणा पत्र पर सभी सदस्यों की सहमति बनी।

शशि थरूर बोले- भारत के लिए गर्व का पल

वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इसके लिए शेरपा कांत की तारीफ की। थरूर ने कहा- बहुत खूब अमिताभ कांत। ऐसा लगता है कि जब आपने IAS का ऑप्शन चुना, तब IFS एक बेहतरीन डिप्लोमैट को दिया। रूस-चीन के साथ नेगोसिएशन के बाद एक रात पहले ही आपने फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया। ये भारत के लिए गर्व का पल है।

ये होते हैं शेरपा

G20 का शिखर सम्मेलन हो या फिर इसके अन्य वर्किंग ग्रुप्स की बैठकें, इन सभी की प्लानिंग सदस्य देशों के शेरपा ही करते हैं। कार्यक्रम के दौरान देसी-विदेशी मेहमानों के बीच कोऑर्डिनेशन से लेकर अपने देश के नीतिगत फैसले से सभी सदस्य देशों को वाकिफ कराने का काम भी इन्हीं का होता है।

सभी देशों के बीच सहमति और असहमति को सुलझा लिया जाता है, ताकि बड़े नेताओं की बैठक में सिर्फ एजेंडे पर मुहर लगाने का काम हो। G20 के दौरान भी अपने देश के नेताओं की मदद शेरपा करते हैं। शेरपा अपने देश के नीतिगत फैसले से सभी सदस्य देशों को वाकिफ कराते हैं।

शेरपा का पद किसी राजदूत के बराबर होता है। शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि यूक्रेन जंग के मुद्दे पर सहमति बन सकी। इसके बाद G20 समिट का घोषणा पत्र पारित हुआ। अमिताभ कांत ने कहा कि इस दौरान दो अधिकारी नागराज नायडू और ईनम गंभीर ने उनका पूरा साथ दिया।

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