मनमोहन के ‘अपमान’ का बदला ले रही एनएसयूआई, स्मृति के खिलाफ पहुंची थाने
- एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव अहमद बोले- यदि प्रधानमंत्री को पत्र लिखना राजद्रोह तो चूड़ी भेजना भी ऐसा ही अपराध, केंद्रीय मंत्री पर दर्ज हो केस
- ईरानी के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने दिया आवेदन
रायपुर/नवप्रदेश। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (former pirme minister manmohan singh) के ‘अपमान’ (dishonor) का बदला (revenge) एनएसयूआई (nsui) अब ले रही है। एनएसयूआई ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (smriti irani) के खिलाफ राजद्राेह (sedition) की शिकायत (complaint) दर्ज कराई है।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव (nsui national secretary) गुलजेब अहमद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सिविल लाइन थाना, रायपुर में स्मृति ईरानी के खिलाफ राजद्रोह (sedition) का मामला दर्ज करने आवेदन दिया। पुलिस विभाग द्वारा आवेदन स्वीकार कर शीघ्र अतिशीघ्र न्यायसंगत कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया गया है ।
गुलज़ेब अहमद ने बताया कि विगत दिनों मुजफ्फरपुर, बिहार में रामचन्द्र गुहा, मणिरत्नम और अपर्णा सेन समेत 49 नामी हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, शांति भंग करने 124 A, 153 B, 290, 297 एवं 504 जैसी धाराएं लगा कर मामला दर्ज किया गया है।
इन हस्तियों का अपराध केवल यह था कि इन्होंने देश में हो रही जातिगत हिंसा एवं हत्या के विरोध में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा और उस पत्र का समर्थन करते हुए उसमें हस्ताक्षर किए । इस मामले में शिकायतकर्ता ने कहा कि खुले पत्र के माध्यम से वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है इसलिए इन 49 नामी हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। हालांकि पुलिस ने यह मामला वापस लेने के आदेश दे दिए हैं।
2013 की घटना का दिया हवाला
एनएसयूआई राष्ट्रीय सचिव (nsui national secretary) गुलजेब अहमद ने कहा कि ऐसी ही घटना कुछ साल पहले भी हुई, जब सन 2013 में इंदौर की एक जनसभा के दौरान भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी (smriti irani) ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (manmohan singh) को चूड़ी भेजने की बात कही थी।
अगर प्रधानमंत्री को पत्र लिखना राजद्रोह के अंतर्गत आता है तो 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को चूड़ी भेजना भी राजद्रोह (sedition) के अंतर्गत आता है। अहमद ने कहा कि स्मृति ईरानी के इस कथन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की छवि को धूमिल किया साथ ही चूड़ी जो कि देश की महिलाओं के आभूषण का अभिन्न अंग है उसको कमजोरी का पर्याय बताते हुए महिला शक्ति का अपमान किया है ।