छत्तीसगढ़ में सबसे सस्ते दर में बिजली,भाजपा फैला रही है बेवजह भ्रम-कांग्रेस
Politics on Electricity : दे दना दन की याद पीएम मोदी को दिलाये भाजपा – गिरीश देवांगन
रायपुर/नवप्रदेश। Politics on Electricity : छत्तीसगढ़ में बिजली के दरों में वृद्धि के बाद सियासी भूचाल आ गया है। विपक्ष जहां सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है तो वहीं सत्ताधारी दल भी बिजली के दर में हुई वृद्धि का कारण बताने में कहीं पीछे नहीं है।
सत्ताधारी दल कांग्रेस ने बिजली बिल में हुए वृद्धि को पेट्रल डीजल में हो रहे लगातार बढ़ोतरी का कारण बता रहे हैं। बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी और प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता ली। जिसमे शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि बिजली बिल हाफ योजना के तहत जो बिजली की दरें हैं उसका भी 50 प्रतिशत ही लिया जा रहा है। जो देश में आम बिजली उपभोक्ता के लिए सबसे सस्ती दरों में से एक दर हो जाती है।
उन्होंने कहा कि देश में सबसे सस्ती बिजली (Politics on Electricity) आम उपभोक्ता को छत्तीसगढ़ में अभी भी मिल रहा है। इस मामले में त्रिवेदी ने भाजपा को चुनौती दी है कि वे भाजपा शासित राज्य का नाम बताये जहां आम उपभोक्ता को छत्तीसगढ़ से सस्ती बिजली मिलती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में ढाई साल में मात्र 3ः30 प्रतिशत बिजली की दरों में बढ़ोतरी की है पूर्ववर्ती सरकार के प्रत्येक वर्ष के बढ़ोतरी को देखा जाए तो 6 प्रतिशत से ज्यादा है।
केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
बिजली की दरों में पॉवर परचेज कास्ट, ट्रांसमिशन चार्जेस और फिक्स कास्ट फेक्टर ये तीन महत्वपूर्ण कारक होते हैं जो बिजली दरों को प्रभावित करने वाले होते हैं। जिसमे पॉवर परचेज कास्ट में कोयला 25 प्रतिशत, रेल भाड़ा 41 प्रतिशत, सड़क परिवहन 11 प्रतिशत, क्लीन एनर्जी सेस 11 प्रतिशत और अन्य वेरियेवल 12 प्रतिशत होते हैं। क्लीन एनर्जी सेस जून 2010 50 रूपये प्रति टन से मार्च 2016 तक 400 रूपये प्रति टन हो चुका है। यह वृद्धि केंद्र सरकार द्वारा की गयी है। पॉवर सेक्टर में क्लीन एनर्जी सेस का प्रभाव पिछले 3 वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपये प्रतिवर्ष है। क्लीन एनर्जी सेस को अब कम करने की जरूरत है लेकिन मोदी सरकार इसे बढ़ाते ही जा रही है।
2011-12 में 9000 करोड़ से बढ़कर ट्रांसमिशन चार्ज 39000 करोड़ हो चुके हैं। राज्यों के स्वयं के ट्रांमिशन चार्जेस और राज्य से राज्य में होने वाले ट्रांसमिशन चार्ज की तुलना यह बताती है। राज्य केंद्र सरकार की तुलना में बहुत कम दरों में ट्रांसमिशन कर रहे हैं। इसलिए पूरे देश में महंगी बिजली के लिए भाजपा की केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है।
दे दना दन करने भाजपा जाए दिल्ली – देवांगन
15 साल में आपने 90 प्रतिशत वृद्धि बिजली की दरों में की अर्थात 6 प्रतिशत प्रति वर्ष। आप 1.1 प्रतिशत प्रतिवर्ष मात्र विद्युत शुल्क (Politics on Electricity) बढ़ाने वाली सरकार की ईंट से ईंट बजाने की बातें करके अपनी फितरत और चाल चरित्र प्रमाणित कर रहे है। पहले आवेदन फिर निवेदन और फिर दे दना दन की बात करने वाली भाजपा को दनादन करने का शौक है तो दे दना दन करने के लिए मोदी जी के पास दिल्ली जाए। क्योंकि बिजली में मूल्य वृद्धि के लिए सारे कारक मोदी सरकार द्वारा बढ़ाए जा रहे हैं। बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत दिल्ली जाकर मोदी जी के साथ दे दना दन करें।
पूर्व में भी 2000 में जब मोदी जी भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए पर्यवेक्षक बनकर रायपुर आए थे तो उनके साथ यहां जो दे दना दन हुई है उसको मोदी जी भूले भी नहीं होंगे। बृजमोहन और राजेश मूणत यदि दनादन करना चाहते हैं तो दिल्ली जाकर दे दनादन करें। कैंडल मार्च निकाले। 1822 करोड़ की बिजली बिल हाफ 39 लाख उपभोक्ताओं आमजनों के पास जाना भाजपा के नेता नहीं पचा पा रहे है।