Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द करने से पहले सरकार ने छापे 8350 चुनावी बांड..

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-एक-एक करोड़ रुपये के बॉन्ड छापने का ऑर्डर दिया
नई दिल्ली। Electoral Bond: भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बांड से संबंधित सभी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को सौंप दी है। विपक्ष द्वारा बीजेपी की काफी आलोचना की जा रही है क्योंकि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को इन चुनावी बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा चंदा मिला है।
इसे लेकर विपक्ष ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। हालाँकि नई जानकारी सामने आई है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही 8,350 चुनावी बांड छपवा लिए थे। माना जा रहा है कि यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से मिली है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बांड (Electoral Bond) योजना को असंवैधानिक बताए जाने से तीन दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हजारों करोड़ रुपये के चुनावी बांड की छपाई को मंजूरी दी थी। खुलासा हुआ है कि सरकारी प्रिंटिंग कंपनी पहले ही 8,350 बॉन्ड छापकर भारतीय स्टेट बैंक को भेज चुकी है।
एक-एक करोड़ रुपये के बांड छापने का आदेश
सरकारी प्रिंटिंग कंपनी को एक-एक करोड़ रुपये के बॉन्ड छापने का ऑर्डर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा योजना को बंद करने के आदेश के 15 दिन बाद, वित्त मंत्रालय ने भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बांड की छपाई बंद करने का आदेश दिया।
चुनाव बांड योजना की शुरुआत के बाद से कुल 22,217 चुनावी बांड (Electoral Bond) भुनाए गए। बीजेपी को 8,451 करोड़, कांग्रेस को 1,950 करोड़, तृणमूल कांग्रेस को 1,707.81 करोड़ और बीआरएस को 1,407.30 करोड़ रुपये मिले।
12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच एसबीआई ने 22,217 चुनावी बांड बेचे। इनमें से सबसे ज्यादा 8 हजार 451 चुनावी बॉन्ड बीजेपी को दिए गए हैं। पिछले पांच साल में कुल 12 हजार 769 करोड़ के चुनावी बांड भुनाये गये हैं। बताया गया है कि 6 हजार 060 करोड़ के आधे से ज्यादा बॉन्ड अकेले बीजेपी ने छुड़ाए हैं।