ED Action On Officers : जेल से जमानत तक का पूरा ब्यौरा, ED कार्रवाई पर विधानसभा में CM साय ने खोले नाम

ED Action On Officers

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छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान सोमवार को अफसरशाही से जुड़े बड़े और संवेदनशील मामलों पर सदन में स्पष्ट तस्वीर सामने आई। प्रवर्तन निदेशालय (ED Action On Officers) (ED) की ओर से की गई कार्रवाई और उसके बाद राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विस्तृत लिखित जवाब पेश किया। इस जवाब में यह साफ किया गया कि किन अधिकारियों को जेल भेजा गया, किन्हें निलंबन झेलना पड़ा और कौन जमानत पर बाहर हैं।

भाजपा विधायक राजेश मूणत द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2023, 2024 और 2025 के दौरान ED ने अखिल भारतीय सेवा संवर्ग और राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। इन मामलों की सूचना राज्य शासन को प्राप्त होने के बाद नियमों के तहत आवश्यक प्रशासनिक और कानूनी कदम उठाए गए।

मुख्यमंत्री के जवाब के अनुसार, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत (ED Action On Officers) में हैं। वहीं, तत्कालीन कोरबा कलेक्टर आईएएस रानू साहू को ED की कार्रवाई के बाद जेल भेजा गया था, जिसके पश्चात राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित किया और अभियोजन की अनुमति दी। फिलहाल वे जमानत पर हैं।

आईएएस समीर विश्नोई, जो भू-विज्ञान एवं खनिज विभाग के तत्कालीन निदेशक थे, उनके खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग ने आरोप पत्र जारी किया है। ED की कार्रवाई के बाद उन्हें भी निलंबित किया गया और अभियोजन की स्वीकृति दी गई। वर्तमान स्थिति में वे जमानत पर हैं।

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी निरंजन दास, जो आबकारी आयुक्त और सचिव के पद पर रहे, उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जेल भेजा गया है। उनके विरुद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी गई है और वे अभी जेल में निरुद्ध हैं।

इसके अलावा आईएएस जे.पी. मौर्य, तत्कालीन संचालक भौमिकी एवं खनिकर्म, के खिलाफ एसीबी और ईओडब्ल्यू को जांच की अनुमति (ED Action On Officers) दी गई है। राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और मुख्यमंत्री कार्यालय की तत्कालीन उपसचिव समय चौरसिया को ED की कार्रवाई के बाद निलंबित किया गया था, अभियोजन की स्वीकृति भी दी गई है और वे फिलहाल जमानत पर हैं।

राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भरोसा राम ठाकुर, जो तत्कालीन अपर कलेक्टर थे, उन्हें भी निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ अभियोजन की अनुमति दी जा चुकी है और वर्तमान में वे भी जमानत पर हैं।

मुख्यमंत्री के इस जवाब के बाद सदन में यह स्पष्ट हो गया कि ED की कार्रवाई के मामलों में राज्य सरकार ने नियमों के तहत प्रक्रिया अपनाई है। जेल, जमानत और निलंबन से जुड़ा यह पूरा विवरण विधानसभा की कार्यवाही का अहम हिस्सा रहा।

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