कृषि उत्पादों पर टैरिफ लगाने का डोनाल्ड ट्रम्प का फैसला; भारत पर भी पड़ेगा असर ?

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-डोनाल्ड ट्रंप ने यह कदम अमेरिका को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उठाया
वाशिंगटन। Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लिए गए निर्णय का वैश्विक स्तर पर असर पड़ रहा है। ट्रम्प के तीन फैसलों से भारत भी प्रभावित हुआ है। यद्यपि डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अपनाया गया रुख अमेरिकी लोगों के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के कौन से 3 फैसले भारतीयों को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहे हैं? उनमें से एक है कृषि उत्पादों पर टैरिफ लगाने का फैसला।
अपने देश के किसानों को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा कि वे अमेरिका के महान किसान हैं। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को बड़े पैमाने पर कृषि उत्पादों का उत्पादन शुरू करना चाहिए। इसके अलावा, उसने अगले महीने 2 अप्रैल से संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले कृषि उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा की। कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने यह कदम अमेरिका को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उठाया है।
यदि कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया गया तो क्या होगा?
ट्रम्प द्वारा आयातित कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने से ये वस्तुएं संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिक महंगी हो जाएंगी। जिसका असर अमेरिका में उनके उपयोग और ग्राहकों की संख्या पर पड़ेगा। ट्रम्प ने टैरिफ मुद्दे पर अक्सर भारत की आलोचना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक में भी यह मुद्दा उठाया। भारत संयुक्त राज्य अमेरिका को बड़ी मात्रा में कृषि उत्पादों का निर्यात करता है। भारत से बासमती चावल, चीनी, कपास, मसाले और चायपत्ती जैसे उत्पाद अमेरिका भेजे जाते हैं।
यदि अमेरिका इस पर टैरिफ बढ़ाता है तो भारत से आयातित बासमती चावल, मसाले और चाय की कीमतें अमेरिका में बढ़ जाएंगी। परिणामस्वरूप, अमेरिकी व्यापारी भारत से इन वस्तुओं का ऑर्डर देना कम कर देंगे या बंद भी कर देंगे। अमेरिका भारत के कृषि उत्पादों के लिए एक प्रमुख बाज़ार है। भारत ने 2023-24 के दौरान अमेरिका को 5.19 बिलियन डॉलर मूल्य के कृषि उत्पादों का निर्यात किया।
अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान 90,568 टन बासमती चावल संयुक्त राज्य अमेरिका भेजा गया। अमेरिका, भारत का बासमती चावल का चौथा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। यदि भारत भी अमेरिका से आने वाले कृषि उत्पादों पर टैरिफ लगाता है तो सूखे मेवे और फल महंगे हो जाएंगे। टैरिफ व्यापार संरक्षण का एकतरफा हथियार नहीं है, इसलिए संयुक्त राज्य अमेरिका को मुद्रास्फीति का भी सामना करना पड़ेगा।