DJ Sound : सबको सद्बुद्धि दें श्री गणेश

DJ Sound : सबको सद्बुद्धि दें श्री गणेश

DJ Sound : May Lord Ganesha bless everyone

DJ Sound

DJ Sound : हर साल देश के विभिन्न राज्यों में गणेश उत्सव पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसकी शुरूआत आजादी से भी पहले महाराष्ट्र में हुई थी। धीरे-धीेरे यह देश के अनेक प्रदेशों में मनाया जाने लगा। पूरे दस दिनों तक जगह जगह गणेश पंडाल स्थापित कर भक्तजन गणपती की पूजा करते रहे है।

यह परंपरा आगे भी इसी तरह चलनी चाहिए किन्तु हाल के कुछ वर्षो में यह देखा जा रहा है कि गणेशोत्सव आयोजित करनी वाली समितियों ने इस पर्व का स्वरूप विकृत करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। गणेश पंडालो में भद्दे फिल्मी गाने बजाएं जाते है जबकि पूर्व में सिर्फ भक्ति गीत ही बजाएं जाते थे।

इसी तरह दस दिवसीय गणेश उत्सव को अब पंद्रह दिनों तक मनाया जाने लगा है जबकि ग्यारहवें दिन अनंत चतुर्दशी के बाद पितृ पक्ष लग जाता है और पितृ पक्ष के दौरान कोई धार्मिक कार्यक्रम या पूजा पाठ नहीं किया जाता है किन्तु न जाने क्यों अनेक गणेश उत्सव समितियां १५-१५ दिनों बाद गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करती है।

विसर्जन के लिए जो झांकी निकाली जाती है उसमें डीजे (DJ Sound) ही कानफोड़ू आवाज में अश्लील फिल्मी गाने भी बजाएं जाते है जिस पर लोग झूमकर नांचते है। यह सीधे-सीधे अपने ही धर्म का मजाक उड़ाना है। बुद्धि के देवता श्री गणेश ऐसे लोगों को बुद्धि दें कि वे पावन गणेश उत्सव पर्व की छवि को धुमिल न करें।

इसके लिए देश के धर्माचार्यों को भी आगे आना चाहिए और गणेश उत्सव पर्व विधि विधान पूर्वक मनाया जाए इसके लिए उन्हे दिशा निर्देश जारी करना चाहिए ताकि गणेश उत्सव पर्व विकृति का शिकार न हो और लोगों की धार्मिक भावनाओं पर ठेंस न पहुंचे। जिस तरह नवरात्रि में दुर्गा उत्सव पर्व पूवे विधि विधान पूर्वक शालीनता से मनाया जाता है और दशहरे के दिन ही मां दुर्गा की प्रतिमाएं विसर्जित की जाती है उसी तरह नियमानुसार गणेश उत्सव पर्व भी मनाया जाना चाहिए।

गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन में भी श्रद्धा का भाव होना चाहिए। देखा गया है कि कुछ स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं को अपमानजनक ढंग से जल में फेंका जाता है। इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो इसके लिए शासन प्रशासन को भी उचित कदम उठाने चाहिए अन्यथा लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती रहेंगी।

नियमानुसार समय से अधिक समय के बाद बजने वाले ध्वनि यंत्रों (DJ Sound) पर भी अंकुश लगाया जाना चाहिए। रात्रि में विसर्जित होने वाली प्रतिमाओं से लोगों को अधिक ध्वनि होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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