अहमदाबाद, 21 जून| DGCA Action Air India : 12 जून की सुबह, जब एक विमान आसमान में उड़ान भरने वाला था, उसकी दिशा सीधे एक त्रासदी की ओर मुड़ गई। टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद हुए भयानक विमान हादसे, जिसमें 297 से अधिक लोगों की जान गई, ने न केवल एयर इंडिया बल्कि पूरे एविएशन सिस्टम की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए। अब इस हादसे में प्रबंधन स्तर की लापरवाही सामने आने पर तीन वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से हटाने का आदेश जारी किया गया है।
तीन अधिकारी, एक हादसा और कई अनदेखी चेतावनियां
विमान दुर्घटना की जांच में सामने आया कि प्रोटोकॉल और सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी की गई थी:
क्रू सदस्यों के लाइसेंस और फिटनेस की पूर्व-जांच नहीं हुई। एविएशन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम की अनदेखी की गई। यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा के मानकों की उपेक्षा की गई। शेड्यूलिंग और क्रू जोड़ी प्रबंधन में कई बार प्रक्रियाओं को तोड़ा (DGCA Action Air India)गया। इन कमियों के लिए सीधे तौर पर प्रभागीय उपाध्यक्ष चूरा सिंह, मुख्य प्रबंधक पिंकी मित्तल और योजना प्रबंधक पायल अरोड़ा को जिम्मेदार ठहराया गया है।
डीजीसीए ने क्या कहा?
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा जारी आदेश में कहा गया:
“स्वैच्छिक खुलासों ने प्रणालीगत विफलताओं को उजागर किया (DGCA Action Air India)है। दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का अभाव ही आने वाले खतरों की जमीन तैयार करता है।”
अब इन अधिकारियों को:
क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से जुड़े किसी भी कार्य से हटाया गया है।
गैर-परिचालन पदों पर अस्थायी रूप से पुनः नियुक्त किया जाएगा।
और उनके खिलाफ 10 दिनों के भीतर अनुशासनात्मक कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी गई (DGCA Action Air India)है।
भविष्य के लिए चेतावनी स्पष्ट है
DGCA ने अंतिम पंक्ति में बेहद साफ शब्दों में कहा है:
“आगामी समय में अगर इसी तरह की चूक दोहराई गई तो लाइसेंस रद्द करने या संचालन अनुमति वापस लेने तक की कार्रवाई की जाएगी।” यह अब केवल एक दुर्घटना की बात नहीं रही—यह एविएशन सुरक्षा, संरचना और जवाबदेही के प्रति नए दृष्टिकोण का संकेत है।