Developing Country India : अब और बढ़ेगी भारत की ताकत |

Developing Country India : अब और बढ़ेगी भारत की ताकत

Developing Country India: India's strength will increase further

Developing Country India

Developing Country India : दुनिया के तमाम विकसित देशों के मुकाबले में खड़ा होने वाले विकासशील देश भारत की ताकत अब और ज्यादा बढ़ेगी। दुनिया के तमाम देशों की तरह ही भारत भी अब इलेक्ट्रानिक वाहनों को प्रचलन में लाने की तैयारी कर रहा है ताकि खाड़ी देशों से पेट्रोलियम पदार्थो के आयात पर खर्च की जाने वाली भारी भरकम विदेशी मुद्रा बचाई जा सके। इलेक्ट्रानिक वाहनों की बैटरी के साथ ही मोबाईल आदि की बैटरी में उपयोग किए जाने वाले लिथियम का अब तक भारत, चीन, आस्ट्रेलिया और यूक्रेन आदि देशों से आयात करता रहा है लेकिन अब जम्मू कश्मीर में लिथियम का अकूत भंडार मिला है।

वहां सोना और पोटास मिलने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है बहरहाल लगभग ६० लाख टन लिथियम का भंडार मिलने से हमारा भारत मालामाल हो जाएगा। लिथियम का इस्तेमाल बार-बार रीचार्ज की जा सकने वाली बैटरियों में होता है. इन बैटरियों का इस्तेमाल स्मार्टफ़ोन और लैपटॉप से लेकर इलेक्ट्रिक कारों में किया जाता है. माना जाता है कि डीज़ल और पेट्रोल गाडिय़ों से होने वाला प्रदूषण कम करने की दिशा में ये बेहद महत्वपूर्ण है। सफेद सोना कहे जाने वाले लिथियम का भारत को अब आयात नहीं करना पड़ेगा बल्कि भारत अब लिथियम का निर्यात करने की स्थिति में आ जाएगा।

दशको तक भारत को लिथियम के आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे भी हमारी विदेशी मुद्रा बचेगी और इसका निर्यात करने से विदेशी मुद्रा अर्जित होगी। निश्चित रूप से अब भारत में विकास की रफ्तार और तेज हो जाएगी। गौरतलब है कि वर्ष १९९१ में भारतीय भूगर्भ वैज्ञानिकों ने जम्मू कश्मीर में लिथियम के भंडार होने की संभावना व्यक्त की थी और इसकी खोज का काम शुरू भी किया था लेकिन उसी साल तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की सरकार गिर जाने के बाद लिथियम की खोज का अभियान आश्चर्यजनक रूप से बंद कर दिया गया और वह फाईल धूल खाती पड़ी रही। २०१५ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने फिर इस अभियान को शुरू कराया और उसका यह सुपरिणाम सामने आया कि जम्मू कश्मीर में अच्छी क्वालिटी का लिथियम का भंडार मिल गया। इससे पड़ौसी देश चीन में बेचैनी छा गई है।

चीन में लिथियम के भंडार अब खत्म होते जा रहे है इसलिए अब चीन को भी निकट भविष्य में भारत से ही लिथियम के आयात की जरूरत पड़ सकती है। यही वजह है कि जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम के भंडार को लेकर चीन के इशारे पर टूलकिट गैंग सक्रीय हो गया है और लिथियम की खुदाई पर रोक लगाने के लिए प्रोपोगेंडा खड़ा कर रहा है। यह कूतर्क दिया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में लिथियम के लिए खुदाई करने से वहां भी जोशी मठ जैसे हालात बन सकते है।

यह टूलकिट गैंग लिथियम के भंडार को सामने लाने से रोकने के लिए आगे चलकर और भी कई अवरोध खड़ा कर सकता है। जिसपर ध्यान देने की जरूर नहीं है। भारतीय भूगर्भ वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ताकि यह सफेद सोना भारत की प्रगति को और रफ्तार दे सके।

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