Crude oil : कोरोना से सस्ते मिल रहे कच्चे तेल का लाखों टन ऐसे संग्रह करेगी सरकार
नई दिल्ली/ए.। कच्चे तेल (crude oil) की कीमत कोरोना संकट (corona crisis) के कारण लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार में नीचे आ रही है। ऐसे में खबर है कि भारत (india) द्वारा लाखों टन कच्चे तेल (crude oil) का भंडारण किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कम कीमत में मिल रहे कच्चे तेल का संग्रहण भूमिगत भंडार गृहों में किया जाएगा। कोरोना संकट (corona crisis) के समय इसके लिए भारत (india) की ओर से सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात व इराक से कच्चा तेल खरीदा जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री की ओर से इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि देश में कच्चे तेल के भंडारण के लिए 3 भूमिगत भंडारगृह हैं। ये विशाखापट्टनम, मंगलुरु और पडूर में स्थित हैं। तेल के भूमिगत भंडार को अधिकृत भाषा में स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिवजर्स कहा जाता है। अभी मंगलुरु और पडूर के भंडार गृह आधे खाली है। वहीं विशाखापट्टनम में भी कुछ जगह खाली है।
विदेशी कंपनियों को दी जिम्मेदारी
इन भूमिगत भंडारगृहों में तेल भरने की जिम्मेदारी सरकार की ओर से विदेशी कंपनियों को दी गई है। अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी इनमें से एक है। लेकिन तेल के इस भंडार पर भारत का अधिकारी आपातकालीन परिस्थितियों में ही होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी की ओर से मंगलुरु में 15 लाख टन तेल भरा गया है। अब ओडिशा व कर्नाटक में नई भूमिगत भंडारगृहों में कच्चे तेल का संग्रहण किया जाना है। इन भंडारगृहों में 65 लाख टन कच्चे तेल का भंडार किया जाना है।
मंगलुरु, विजग व पोडूर में तेल का स्ट्रैटजिक भंडार भरने के लिए 2700 करोड़ रुपए की जरूरत है। लेकिन इसमें से 700 करोड़ रुपए ही केंद्र की ओर से मंजूर किए गए हैं। शेष राशि तेल कंपिनयों की ओर से दी जाएगी, जिसका भुगतान सरकार की ओर से बाद में किया जाएगा।