CPI(M) Protest : घेराव क्यों और कौन कर रहा है…?
बारूदी सुरंग मामले में कार्रवाई नहीं करने पर 28 को घेरने की माकपा की चेतावनी
कोरबा/नवप्रदेश। CPI(M) Protest : जिले के अधिकारी अपने ही मंत्री की बात नहीं सुनते। सुराकछार गांव के भू-धसान के जिस मामले को शीघ्र निपटाने का निर्देश राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने एसईसीएल प्रबंधन तथा जिला प्रशासन को दिया था, साल भर बाद भी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। अब माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 28 जुलाई को कटघोरा एसडीएम कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।
इससे पहले माकपा और किसान सभा के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया, जिसमें प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, हुसैन अली, मोहपाल सिंह कंवर, गणेश चौहान, मोहर दास, पिला दादू सिंह, अंजोर सिंह शामिल थे।
गांव तक पहुंची खेतों की दरारें
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि एक साल में मामला और गंभीर (CPI(M) Protest) हो गया है। खेतों से निकलकर अब ये दरारें गांव तक पहुंच चुकी है, जिसके कारण गांव में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस आशंका से ग्रामीणों के बीच भय का माहौल व्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि जब राजस्व मंत्री की ही बात का जिले के अधिकारियों के सामने कोई वजन नहीं है, तो आम जनता को ही अपने वजन का अहसास शासन-प्रशासन को कराना पड़ेगा और माकपा और किसान सभा ने 28 जुलाई को कटघोरा एसडीएम कार्यालय घेरने का निर्णय लिया है।
भूस्खलन से बर्बाद हुई कृषि भूमि
उल्लेखनीय है कि बलगी कोयला खदान की डि-पिल्लरिंग के कारण सुराकछार बस्ती के 100 से अधिक किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर (CPI(M) Protest) कृषि योग्य भूमि भू-धसान के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। भूमि में दरारें इतनी गहरी है कि वह पूरी तरह तालाब, झील और खाई में तब्दील हो चुकी है। अब इस जमीन में किसान कोई भी कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इसके एवज में एसईसीएल हर साल किसानों को मुआवजा देता रहा है, लेकिन पिछले चार सालों से उसने मुआवजे का भुगतान नहीं किया है।
राजस्व मंत्री के निर्देशों की अनदेखी
माकपा नेताओं (CPI(M) Protest) ने पिछले साल प्रभावित किसानों के साथ राजस्व मंत्री से भेंट कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया था, तब राजस्व मंत्री ने एसईसीएल के कोरबा महाप्रबंधक एन. के. सिंह को बुलाकर उन्हें जिला प्रशासन के साथ मिलकर इस मामले में मुआवजा प्रकरण निपटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन एक साल बाद भी इस मामले में एक इंच भी प्रगति नहीं हुई है। माकपा ने मीडिया के लिए भू-धसान से खेतों की बर्बादी के वीडियो और तस्वीरें भी आज जारी की है।