Tobacco Free : तंबाकू के दुष्परिणाम गिनाते हुए समझाया प्राचार्यों को… |

Tobacco Free : तंबाकू के दुष्परिणाम गिनाते हुए समझाया प्राचार्यों को…

Tobacco Free: Counting the ill effects of tobacco, explained to the publicists…

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14 नवंबर तक तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने के लिए चलाया जाएगा अभियान

रायपुर/नवप्रदेश। Tobacco Free : जिले की शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के उद्देश्य से धरसींवा शहरी शासकीय उच्चतर माध्यमिक शालाओं के प्राचार्यों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें शहरी क्षेत्र के 144 प्राचार्यों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में तम्बाकू निषेध की शपथ भी ली गई ।

प्रशिक्षण मुख्य उद्देश्य जिले की शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त करने के साथ-साथ नई पीढ़ी को तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणाम और हानि के विषय में जानकारी दी।

इस दौरान सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन का प्रतिषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य उत्पादन आपूर्ति एवं वितरण के विनियम अधिनियम 2003 (कोटपा अधिनियम, 2003) की धाराओं से भी प्राचार्यों को अवगत कराया गया।

तंबाकू उत्पाद 100 गज के दायरे में नहीं बिकना चाहिए

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की राज्य विधिक सलाहकार, ख्याति जैन ने प्रतिभागियों को कोटपा अधिनियम 2003 के विषय में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बताया, शिक्षण संस्थानों के मुख्य द्वार पर तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का बोर्ड लगवाना होगा। शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद की बिक्री नहीं हो यह भी सुनिश्चित किया जायेगा। अगर ऐसा होता है तो कोटपा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये।

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पढने की आयु में युवा पीढ़ी नशे की जद में

द यूनियन के संभागीय समन्वयक प्रकाश श्रीवास्तव ने ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17 का उदाहरण देते हुए बताया, छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू का सेवन करते हैं। यह देश की औसत 28.4 फीसदी से अधिक है। इनमें से 7.3 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने 15 वर्ष की उम्र से पहले तम्बाकू का सेवन शुरू किया था। 29 फीसदी ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4 प्रतिशत ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया था। यानि औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तम्बाकू का सेवन शुरू किया गया था।

श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों से कहा, अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो यह पता चलता है कि पढने की आयु में हमारी युवा पीढ़ी तम्बाकू या नशीले पदार्थों (Tobacco Free) की जद में आ रही है। भारतीय संस्कृति में देखा गया है कि शिक्षक का स्थान माता-पिता से भी ऊपर होता है। अगर हम समय रहते अपनी युवा पीढ़ी को इस दुष्परिणाम से बचा पाए तो निश्चित रूप से हम अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण कार्य कर सकेंगे।

90% से अधिक अंक वाले स्कूल को मिलेगा तंबाकू मुक्त प्रमाण पत्र

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ. सृष्टि यदु ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव, द्वारा जारी हुए पत्र के विषय में बताया जिसमें सभी शिक्षण संस्थानों को 14 नवंबर 2021 तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए।

साथ ही तम्बाकू मुक्त शैक्षिक संस्थान (Tobacco Free) के लिए जारी किये गए दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने इसके लिए स्व-मूल्यांकन स्कोरकार्ड के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जो स्कूल 90 फीसदी से अधिक स्कोर करेगा उस तम्बाकू मुक्त स्कूल होने का प्रमाण-पत्र हासिल करेगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी संजय पुरी गोस्वामी के सहयोग से आयोजित किया गया। प्रशिक्षण को सफल बनाने में सोशल वर्क वर्कर नेहा सोनी, अजय बैस के साथ कोमल कुमार साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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