Counterattack : CM का शालीनताभरा पलटवार- थूकना मतलब नफरत-घृणा…पढ़े क्या बोले?
रायपुर/नवप्रदेश। Counterattack : सीएम भूपेश बघेल शनिवार को प्रेस कांफ्रेस कर जगदलपुर में भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ी का अपमान है, किसानों का अपमान है। ये लोग नफरत की फसल उगा रहे हैं। पुरंदेश्वरी को इस बयान के लिए छत्तीसगढ़ के किसानों और लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डी पुरंदेश्वरी के बयान (Counterattack) को लेकर राजीव भवन में सात अन्य मंत्रियों के साथ पत्रकार वार्ता की। इस दौरान वे चिंतिन शिविर को लेकर कहा कि इस भाजपा की तीन दिनी चिंता शिविर में बस्तर की नहीं, आदिवासियों की नही, नक्सली समस्या नहीं बल्कि धर्मान्तरण, छत्तीसगढ़ सरकार और ओबीसी को साधने की थी। उनके एक प्रभारी ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और उनका किसान होना था।
पुरंदेश्वरी मेरे लिए सम्मानित हैं : CM भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती माता कौशल्या, मिनीमाता की है, इसलिए नारियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। पुरंदेश्वरी मेरे लिए सम्मानित हैं। एक तरफ भाजपा के एक प्रभारी सबसे बड़ी चुनौती किसान को कहते हैं, वहीं किसान का मुख्यमंत्री होने को सबसे बड़ी चुनौती मानते है। पुरंदेश्वरी कहती हैं कि पूरा मंत्रिमंडल उनके थूक से बह जाएगा। थूकने का मतलब है नफरत (Counterattack) करना है, घृणा करना। इससे पता चलता है कि आपके मन में कितनी घृणा है।
भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार किसानों की सरकार है, और इन्होंने किसानों पर थूकने की बात कही है। उनके बयान से पता चलता है कि किसानों के प्रति उनकी पार्टी की भावनाएं क्या है। भाजपा की पिछड़ों के प्रति, अल्पसंख्यकों के प्रति, अनुसूचित जाति- जनजाति के प्रति कितनी गृणा है। उनके थूकने के बात से किसानों के प्रति प्रभारी के मन की घृणा और नफरत परिलक्षित होता है।
चिंतन शिविर में केवल ‘थूक’ ही निकल पाया : कृषि मंत्री
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने तंज कसते हुए कहा कि चिंतन शिविर में केवल ‘थूक’ ही निकल पाया है। उन्होंने कहा कि मैं कृषि मंत्री भी हूं और किसान भी हूं। चिंतन शिविर में किस बात की चिंता हुई ये समझने की बात है। नगरनार स्टील प्लांट बिकने वाला है, उस पर चर्चा तक नहीं होना? प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की बात की चर्चा नहीं? ऐसे भाजपा के लोग हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए यह अपमान है। किसानों के प्रति इस तरह की सोच इनकी विचार को प्रदर्शित करती है।
वन मंत्री की चेतावनी- थूकना महामारी अधिनियम में अपराध, कलेक्टर ने लिया संज्ञान तो…
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पुरंदेश्वरी का बयान पूरी छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। प्रदेश में पानी नहीं गिरा है, अकाल की स्थिति है, लेकिन इन्हें अपने सूखे की चिंता है। महामारी अधिनियम में थूकना अपराध है। थूकने के लिए प्रेरित करना अपराध है। अगर कलेक्टर ने संज्ञान ले लिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इनको अंदाज नहीं है ताकत का। गलत आकलन कर रहे हैं।