corona vaccine: मोदी ने प्रवासी भारतीयों से ‘मेड इन इंडिया’ अपनाने की अपील की

pm modi to take covid vaccine
नयी दिल्ली । PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सभ्यता और संस्कृति की विदेशों में अलग पहचान बनाने के लिए प्रवासी भारतीयों की तारीफ करते हुये उनसे ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों का इस्तेमाल करने की आज अपील की ताकि ‘ब्रांड इंडिया’ की पहचान को और मजबूती प्रदान की जा सके।
प्रवासी भारतीय दिवस पर आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में श्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा, “आज जब भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे बढ़ रहा है तो यहां भी ब्रांड इंडिया की पहचान को मजबूत बनाने में आपका रोल अहम है। जब आप मेड इन इंडिया उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करेंगे तो आपके इर्द-गिर्द रहने वालों में भी इनको लेकर विश्वास बढ़ेगा।”
उन्होंने कहा कि ये मेड इन इंडिया उत्पाद चाय से लेकर कपड़ों और दवाओं तक कुछ भी हो सकते हैं। इससे देश का निर्यात तो बढ़ेगा ही हमारी विविधता भी दुनिया में पहुंचेगी।
प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने देश में निवेश करने, विदेशों में कमाये गये पैसे स्वदेश भेजकर देश के विकास में योगदान देने और कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम केयर्स फंड में दान देने के लिए प्रवासी भारतीयों की तारीफ की और कहा कि आज खान-पान हो या फैशन, पारिवारिक मूल्य हों या कारोबारी मूल्य, देश के प्रवासियों ने दुनिया भर में भारतीयता का प्रसार किया है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत सरकार हर समय, हर पल अपने प्रवासियों के साथ खड़ी है। दुनियाभर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान विदेशों में फंसे 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत स्वदेश लाया जा चुका है।
विदेशों में भारतीय समुदाय (PM Narendra Modi) को समय पर सही मदद मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किये गये। महामारी के बीच भी भारतीयों के रोज़गार सुरक्षित रहें, इसके लिए कूटनीतिक स्तर पर हर संभव कोशिश की गई।
उन्होंने कहा “खाड़ी के देशों सहित अनेक देशों से लौटे साथियों के लिए ‘स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डाटाबेस फॉर इम्प्लॉयमेंट सपोर्ट’ यानी ‘स्वदेस’ नाम की नयी पहल शुरू की गई। इसका उद्देश्य वन्दे भारत मिशन में लौट रहे कामगारों की कौशल की पहचान कर उन्हें भारतीय और विदेशी कंपनियों से जोड़ना है।”