Controversial Statement : खाड़ी देशों की अक्ल ठिकाने पर आर्ईं
Controversial Statement : भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा के एक तथाकथित विवादास्पद बयान को लेकर पाकिस्तान सहित छप्पन इस्लामिक देशों ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इनमें से कुछ छुटभैय्ये देशो ने भारत के साथ व्यापारिक संबंध खत्म करने की गीदड़ भभकी दे डाली थी। ये देश भारत पर दबाव बना रहे थे कि वह इस मामले में माफी मांगे लेकिन भारत ने इनके दिमाग ठिकाने पर ला दिए।
अब खाड़ी देशों में भारत के कठोर रूख को लेकर हड़कंप (Controversial Statement) मच गया है। भातर इन देशों से सिर्फ पेट्रोलियम पदार्थ लेेता है औश्र दबले में इन्हे अनाज ससे लेकर फल औरर साग सब्जि तक निर्यात करता है। भारत पेट्रोलियम पदार्थो की पूर्ति अपने मित्र देश रूस के अलावा अन्य देशों से भी कर सकता है लेकिन खाड़ी देश भारत द्वारा खाद्यान फल और सब्जी की आपूर्ति रोके जाने से भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे। भारत जैसा बड़़ा बाजार उनके हाथ से निकल जाएगा तो वे पेट्रोल का आखिर क्या करेंगे।
यह बात जब इन देशों की समझ में आई तो उन्होने भारत के साथ अपने संबंध पूर्ववत बनाए रखने की कवायद शुरू कर दी। ईराक के विदेश मंत्री तीन दिनों तक नई दिल्ली में डेरा डाले रहे कि भारत ईराक से पेट्रोलियम पदार्थो की आपूर्ति जारी रखे। इसके लिए ईराक अपनी शर्तो में ढील देने के लिए भी तैयार हो गया है। यही नहीं बल्कि कुवैत ने तो और भी बड़ा कदम उठाया है।
कुवैत में भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश मूल के जो लाखों लोग काम करते है उन्होने नुपूर शर्मा के खिलाफ कुवैत में धरना प्रदर्शन किया था। इन सभी लोगों को कुवैत सरकार ने न सिर्फ गिरफ्तार कर लिया है बल्कि इनका वीजा रद्द कर इन्ह इनके देशों में भेजा जा रहा है। कुवैत ने साफ कहा है कि अब इन लोगो को भविष्य में कभी में कुवैत में नहीं घुसने दिया जाएगा। जाहिर है यह भारत की ताकत का ही असर है कि खाड़ी देशो की अक्ल ठिकाने पर लग गई है।
वैसे भी यह भारत का अंतरिक मामला है और इसमें दखलंदाजी करने का हक किसी और देश को कतई नहीं है। भारत सभी धर्माे का समान रूप से आदर करता है और अल्पसंख्यकों के अधिकार जितना भारत में सुरक्षित है उतना दुनिया के किसी भी देश में नहीं है।
भारत दूसरे देशों (Controversial Statement) के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कभी नहीं करता है इसलिए वह यह भी बर्दाश्त नहीं करेगा कि कछ टटपूंझिए देशा भारत के अंदरूनी मामलों में दखल दें और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की स्वच्छछ छवि को धूमिल करने का प्रयास करें। यदि कोई देश ऐसा दु:साहस करेगा तो भारत से पंगा लेकर वह इसके गंभीर दुष्परिणाम ही भोगेगा।