झीरम जांच के लिए नए आयोग का गठन, न्यायमूर्ति सतीश के.अग्निहोत्री और जी. मिन्हाजुद्धीन करेंगे जांच

झीरम जांच के लिए नए आयोग का गठन, न्यायमूर्ति सतीश के.अग्निहोत्री और जी. मिन्हाजुद्धीन करेंगे जांच

Constitution of new commission for Jhiram investigation, Justices Satish K. Agnihotri and G. Minhajuddin will investigate

Jhiram

रायपुर/नवप्रदेश। झीरम न्यायिक जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने के बाद सियासत गरमा गई और आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप राज्य सरकार ने नए न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है। जिसमे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान न्यायाधीश को शामिल किया गया है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार झीरम घाटी क्षेत्र में नक्सलियों ने 25 मई 2013 को कांग्रेस नेताओं सहित 31 लोगों की हत्या की थी जिस पर एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया था। जांच आयोग के सचिव ने 30 सितंबर 2021 को आयोग का कार्यकाल खत्म होने का हवाला देते हुए 23 सितंबर 2021 को जांच पूरी नहीं होने का जानकारी दी थी और राज्य सरकार से समय बढ़ाने की भी मांग की थी। वहीं आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्रा का स्थानांतरण आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर हो चुका था।

इधर 6 नवंबर को आयोग के सचिव ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रिपोर्ट को सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने पर नाराजगी जताई थी। साथ ही कहा था कि सरकार अब नए आयोग का गठन करेगी।

राज्य शासन सरकार ने झीरम घटना पर नए जांच आयोग के गठन का अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दिया है। आयोग में दो नए सदस्य नियुक्त किया गया है। नए आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सतीश के.अग्निहोत्री होंगे और सदस्य के तौर पर हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्धीन को शामिल किया गया है। सामने प्रशासन विभाग ने साफ़ तौर पर आदेश में उल्लेखित किया है कि आयोग अधिसूचना की प्रकाशन की तारीख से 6 माह के भीतर जांच पूरी कर राज्य शासन को आयोग रिपोर्ट सौपेगा। वहीं जांच के दौरान तकनीकी विषय/बिन्दुओं पर आयोग किसी संस्था विशेषज्ञ की सहायता ले सकेगा।

राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना की बिन्दुओं के अतिरिक्त निम्न बिन्दुओं को भी शामिल किया गया है।

  • क्या घटना के पश्चात् पीडितों को समुचित चिकित्सकीय व्यवस्था उपलब्ध कराया गया था?
  • ऐसी घटनाओं की पुर्नावृत्ति को रोकने के लिये क्या समुचित कदम उठाये गये थे?
  • अन्य बिन्दु माननीय आयोग या राज्य शासन के पारिस्थितिक आवश्यकतानुसार निर्धारित किया जावेगा।
Constitution of new commission for Jhiram investigation, Justices Satish K. Agnihotri and G. Minhajuddin will investigate
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