Video:राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलने से कांग्रेस ने जताई नाराजगी,ध्यानचंद को भारत रत्न देने दिलाई याद
Major Dhyan Chand Khel Ratna Award: मोदी सरकार की राजनैतिक अधःपतन की पराकाष्ठा-सुशील आनंद शुक्ला
रायपुर/नवप्रदेश। Major Dhyan Chand Khel Ratna Award : राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर प्रहार किया है। कांग्रेस ने इसे राजनैतिक अधःपतन की पराकाष्ठा करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस व्यक्ति ने देश की एकता अखंडता के लिये अपना जीवन बलिदान किया हो उन महान राजीव गांधी के नाम से दिये जाने वाले खेल रत्न का नाम बदलना प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की अशोभनीयता है। जिनके किसी भी नेता ने देश की आजादी से ले कर उसके नवनिर्माण में देश की एकता अखंडता के लिए उंगली भी न कटाई हो ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे । नरेंद्र मोदी और भाजपा जान लें कि किसी की लाइन मिटाने से उनकी अथवा उनके दल की लाइन लम्बी नही होने वाली।
कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मेजर ध्यान चंद (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) के प्रति इतनी ही श्रद्धा थी तो अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदल कर बेशर्मी पूर्वक नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखने के बजाय ध्यांचन स्टेडियम रख देते। मोदी और उनकी सरकार की नीयत में खोट नहीं होता तो मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल का कोई दूसरा पुरस्कार घोषित कर सकते थे। मोदी और उनकी सरकार की मेजर ध्यांचन के प्रति इतनी ही श्रद्धा थी तो मोदी सरकार को बने 7 साल हो गए उनको भारत रत्न देने की घोषणा क्यो नही किया गया ?
41 वर्ष के बाद भारत ने हाकी में ऑलम्पिक में कोई मेडल जीता है उसकी याद अक्षुण रखने के लिए मेजर ध्यांचन के नाम पर कोई पुरस्कार शुरू किया जा सकता था। मोदी सरकार की नीयत ध्यानचंद (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) के नाम पर पुरस्कार करना नही अपितु स्व.राजीव गांधी के नाम से दिया जाने वाले पुरस्कार का नाम बदलना था।
कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने स्व राजीव गांधी के नाम से दिए जाने वाले पुरस्कार को बदल कर एक नई राजनैतिक परिपाटी की शुरुआत की है इसका परिणाम कालांतर में उन भाजपाई और संघी महापुरुषों के साथ भी होगा जिनका देश की आजादी में देश के नवनिर्माण में रंच मात्र भी योगदान नही है सिर्फ संघ और भाजपा के नेता होने के कारण देश भर में भाजपाई सरकारो ने उनकी मूर्तिया लगाई है उनके नाम से योजनाएं शुरू की है। लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन शील होती है और राजनैतिक निर्णय आने वाली सरकारों के लिए नजीर।