CM Style : गाय के नाम से वोट नही मांगते बल्कि संरक्षण करते…
मुख्यमंत्री शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए कई भाव
रायपुर/नवप्रदेश। CM Style : शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन की शुरूआत में मौन रखकर देश के पहले सीडीएस शहीद जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मधुलिका रावत और शहीद अन्य जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उसके बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमने जनता से किए वादे पूरे किए हैं। आदिवासियों, किसानों सहित सभी वर्गों का राज्य सरकार पर अटूट भरोसा है। हम गांवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। पुरखों के समृद्ध और शांतिपूर्ण छत्तीसगढ़ के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। आज विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की पूरे देश में चर्चा हो रही है।
CM बघेल (CM Style) ने कहा भगवान राम ने वनवास का सबसे अधिक समय छत्तीसगढ़ में बिताया था। हमने राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने की शुरूआत की है। देश के एक मात्र कौशल्या माता मंदिर का सौंदर्यीकरण किया है। हम गाय के नाम पर वोट नही मांगते बल्कि उनके संरक्षण और संवर्धन के कार्य कर रहे है।
यह मेरा सौभाग्य है…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा राजनीति में जब आया तो यह सोचकर आया था कि मुझे जनता की सेवा करना है। जनता की हक की लड़ाई लडऩा है, भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का मौका जनता ने दिया है, यह मेरा सौभाग्य है। सरकार पर जनता ने विश्वास कर तीन-चौथाई बहुमत दिया। सरकार गठन के बाद कैबिनेट का पहला फैसला 11 लाख किसानों का 9 हजार करोड़ रुपए ऋण माफी का, दूसरा 2500 रुपये धान खरीदी का फिर लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापसी का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि हमने आदिवासियों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त किया है, इसलिए आज छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा देश भर में है।
पत्रकार अब नहीं पूछते नक्सलियों से जुड़े सवाल
सीएम बघेल (CM Style) ने कहा कि अब पत्रकार यहां नक्सलियों से सम्बंधित प्रश्न नही करते। हमने आदिवासी अंचल में रोजगार दिया, लघु वनोपज में वृद्धि की, समर्थन मूल्य में वृद्धि की, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं में वृद्धि की है, उनका विश्वास सरकार के प्रति बढ़ा है, जो काम हमने शुरू किया उसे सफल करना है, गोधन न्याय योजना, गोबर खरीदी कर रहे, 8 लाख टन वर्मी कंपोस्ट समूह की महिलाओं ने बनाया है, अब गोबर से बिजली बना रहे, पेन्ट बना रहे, गांव को स्वावलंबी बनाना है, पुरखों ने समृद्ध और शांतिपूर्ण छत्तीसगढ़ का जो सपना देखा था, उसे पूरा कर रहे हैं।
राज्य सरकार के संकल्प
- अगले दो साल गोधन न्याय योजना सहित प्रारंभ की गई कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है।
- गोधन न्याय योजना में गोबर खरीद कर लगभग 8 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया, किसान खेतों में इसका उपयोग कर रहे हैं।
- आज छत्तीसगढ़ में वर्मी कम्पोस्ट डीएपी खाद का सबसे अच्छा विकल्प बन गया है।
- गोबर से बिजली बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया है।
- गोबर अभी तक लीपने के काम में आता रहा है, अब इससे पेंट भी बनाएंगे।
राज्य सरकार के प्रयास
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि समाज के कमजोर तबके के लोगों सहित भूमिहीन भी आर्थिक रूप से सम्पन्न बने।
- हमारी पहचान, छत्तीसगढ़ की चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी और हमारी संस्कृति का संरक्षण हो।
- आज छत्तीसगढ़ में किसान पैरा जलाते नहीं दिखते, बल्कि गोधन के लिए पैरा दान कर रहे हैं।
- आदिवासी अंचलों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का काम किया गया है।
- बस्तर अंचल में सैकड़ों बंद पड़े स्कूलों को शुरू किया गया।
- हाट बाजार क्लिनिक और मोबाइल मेडिकल यूनिट जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई।
- कुपोषण में 32 प्रतिशत की कमी आई है। मलेरिया मुक्ति अभियान से मलेरिया के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है।
- लघु वनोपजों की खरीदी, हाफ बिजली बिल योजना, किसानों को मुफ्त बिजली, छोटे भू-खण्डों की खरीदी, जमीन की गाईड लाईन दरों में 30 प्रतिशत की कमी जैसी कल्याणकारी और नवाचार योजनाओं का भी उल्लेख किया।
- कोरोना काल में लोगों की जेब में विभिन्न योजनाओं के जरिए पैसे डालने का काम सरकार ने किया।
- इससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी और छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं रहा।
- भगवान राम हमारी आस्था, हमारी संस्कृति, हमारी पहचान है।
- धान नापने की शुरूआत राम नाम से की जाती है।
- भगवान राम हमारी रग-रग में और छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे हैं।
- कौशल्या माता छत्तीसगढ़ की बेटी है।
केंद्र पर आरोप
- केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के हक का पैसा नहीं दे रही है।
- तीन वर्षों में लगभग 17 हजार करोड़ रूपए केन्द्र से नहीं मिले।
- पहले केन्द्र की योजनाओं के लिए राज्यों को शत-प्रतिशत राशि मिलती थी, बाद में यह 90 अनुपात 10 और 75 अनुपात 25 हुई।
- अब केन्द्रीय योजनाओं के लिए केन्द्र और राज्य से मिलने वाली 60 अनुपात 40 और 50 अनुपात 50 हो गया है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना को बंद नहीं किया गया है।
- केन्द्र पैसा दे, तो हम तुरंत काम शुरू कर देंगे।
- गरीबों के मकान बनने चाहिए।
- हमारे पास सरप्लस पैडी जिससे एथेनॉल बनाने की अनुमति केन्द्र से मांगी गई है, लेकिन अब तक इसकी अनुमति नहीं मिली है।
- धान खरीदी के बारदाने नहीं मिल रहे हैं।
- केन्द्र द्वारा छत्तीसगढ़ से उसना चावल लेने के फैसले से छत्तीसगढ़ लगभग 500 राईस मिलों के मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
- मिले बंद हो गई है।