CM Soren : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कोविड-19 से बचाव, रोकथाम व नियंत्रण को लेकर हुई अहम बैठक, सरकार अलर्ट मोड में

CM Soren : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कोविड-19 से बचाव, रोकथाम व नियंत्रण को लेकर हुई अहम बैठक, सरकार अलर्ट मोड में

रांची, नवप्रदेश। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कई देशों में पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आने वाले दिनों में हो सकता है कि कोविड केसों के मामलों में बढ़ोतरी हो,

ऐसे में चिकित्सा व्यवस्था संबंधी सभी चीजों को अलर्ट मोड में रखें. स्थिति पर राज्य सरकार की पैनी नजर बनी रहे यह सुनिश्चित करें. कोविड-19 के नए मामलों में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा व्यवस्थाओं के प्रति हमें गंभीरता पूर्वक तैयार रहने की आवश्यकता है.

तैयारी इस तरह रखें कि आपातकालीन स्थिति में अफरा-तफरी का माहौल न बने. राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में अथक प्रयास एवं कोविड-19 के रोकथाम के उपाय युद्ध स्तर पर किए गए हैं.

बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में अब तक कुल कोविड-19 संक्रमितों की संख्या-442568 है जिसमें 437236 मरीज रोगमुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं, रिकवरी रेट 98.80 फीसदी तथा राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.80 फीसदी है. 5331 व्यक्ति की मृत्यु कोविड-19 से हुई है, मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है.

आज की तिथि में राज्य में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के एक्टिव पॉजिटिव केस की संख्या मात्र 01 है. बैठक में मुख्यमंत्री ने तैयारियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने सुझाव विभागीय पदाधिकारियों को दिए.बैठक में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह,

अपर मुख्य सचिव-सह-स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, रिम्स, निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे

स्वास्थ्य विभाग द्वारा पत्रांक सं0 206 (एचएसएन) दिनांक-21.12. 2022 तथा संo 208 (एचएसएन) 24.12.2022 के माध्यम से समस्त मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर कोविड-19 के नये वेरियेंट के जिनोम स्किवेंसींग हेतु सभी पॉजिटिव आरटीपीसीआर सैम्पल को रिम्स, रांची भेजने का निदेश दिया गया है.

इसके अतिरिक्त पांच रणनीतियां यथा टेस्ट, ट्रेकिंग, ट्रीटमेन्ट, टीकाकरण एवं कोविड समुचित व्यवहार का अक्षरशः अनुपालन का निदेश दिया गया है. इस संबंध में दिनांक 25.12.2022 को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों के सभी सिविल सर्जन तथा अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करते हुए आवश्यक निदेश दिए गये है.

कोविड-19 जांच की स्थिति : राज्य में कोविड-19 की आरटीपीसीआर तथा रैपिड टेस्ट किट के माध्यम से सरकारी तथा निजी प्रयोगशाला में जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है.

राज्य में 297 ट्रूनेट मशीन सभी जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.

जांच के लिए पर्याप्त संख्या में जिलों में रैपिड एंटीजन किट तथा भीटीएम किट्स उपलब्ध है. कुल 10,68,877 लाख रैपिड एंटीजन किट तथा 3,59,933 भीटीएम किट्स उपलब्ध है.

राज्य में पहले से 8 आरटीपीसीआर लैब कियाशील है ( रिम्स, एमजीएम, पीएमसीएच, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज दुमका, मेदनीनगर मेडिकल कॉलेज पलामू, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, ईटकी, जिला वायरॉलोजी लैब साहेबगंज)

इसीआरपी -II अन्तर्गत 12 जिलों (गढ़वा, लातेहार, कोडरमा, गिरिडीह, खूँटी, सिमडेगा, लोहरदगा, चतरा, पाकुड़, जामताड़ा, रामगढ़ तथा सरायकेला-खरसावा) में आरटीपीसीआर लैब की अधिष्ठापित की गयी है, जिसे आइसीएमआर प्रमाणीकरण के उपरांत क्रियाशील कर ली जाएगी.

7.राज्य सरकार द्वारा प्रेझा फाउण्डेशन के माध्यम से अन्य 7 जिलों (रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, बोकारो, देवघर गुमला एवं गोड्डा) में भी आरटीपीसीआर लैब की स्थापना का कार्य पूर्ण किया गया है. आइसीएमआर प्रमाणीकरण के उपरान्त क्रियाशील कर ली जाएगी. इस प्रकार कुल 8 कियाशील है तथा 19 आइसीएमआर प्रमाणीकरण के उपरान्त क्रियाशील कर ली जाएगी.

ओमीक्रोन के नये सब लिनेंज वेरियेंट बीएफ-7 की पुष्टि देश के कुछ राज्यों में की गयी है. राज्य में कोविड-19 के नये किस्म के वायरस के पहचान हेतु रिम्स, रांची में जिनोम सिक्वेसिंग मशीन अधिष्ठापन माह जुलाई 2022 में की गयी, तदुपरांत डिपार्टमेंट ऑफ जिनेटिक्स एवं जिनोमिक्स,

रिम्स रांची में अगस्त माह में सरकारी तथा निजी कोविड-19 प्रयोगशाला से प्राप्त स्टोर्ड आरटीपीसीआर नमूनों का जिनोम सिक्वेंसिंग का कार्य किया गया है. रिम्स रांची अंतर्गत इस मशीन में 384 नमूनों की सिक्वेंसिंग (अनुक्रमित रूप से लगाने की क्षमता है. एक बार में कम-से-कम 96 नमूनों का वेल स्किवेंसर मशीन में संधारित रहता है. 96 नमूनों को सिक्वेंसिंग करने के लिए एक चिप की लागत लगभग 6.00 लाख रुपये होती है.

स्केवेंशींग करने के कुल चार चरण के अन्तर्गत जिनोम के लाइब्रेरी बनाने ( जिनोम का संग्रहण), आरएनएम एक्सट्रक्सन), सिक्वेंसिंग (अनुक्रमण में लगाना) तथा डाटा को विश्लेषण करने, मेटा डाटा एनालिसिस में कुल नये वेरियेंट की पहचान हेतु 6 से 7 दिन का समय लगता है. स्किवेंशींग हेतु हेतु मशीन 48 घंटा तक रन की जाती है. अभी वर्तमान में स्किवेंशींग हेतु किट्स उपलब्ध है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed