छग में चाय-बांस उद्योग को लगेंगे 'नए पंख', सीएम भूपेश ने असम के उद्योगपतियों से कही भरोसे वाली ये दो बातें

छग में चाय-बांस उद्योग को लगेंगे ‘नए पंख’, सीएम भूपेश ने असम के उद्योगपतियों से कही भरोसे वाली ये दो बातें

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CM Baghel Meeting with Asam Industrialists : मुख्यमंत्री ने असम के उद्योपतियों को बताया, कैसे छग में दोनों क्षेत्र के उद्योगों में हैं संभावनाएं

रायपुर/नवप्रदेश। CM Baghel Meeting with Assam industrialists : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन सोमवार को जोरहाट में असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल मुलाकात की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की विशेषताओं के साथ यहां चाय की खेती और बांस तथा लघु वनोपज आधारित उद्योगों की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंनेे चर्चा के दौरान इन उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में चाय और बांस उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर चाय उत्पादकों के साथ साथ विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि मौजूद थे। असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री (CM Baghel Meeting With Assam Industrialist) को हाथ से तैयार की गई विशेष चाय भी भेंट की।

मुख्यमंत्री बघेल ने असम के उद्योगपतियों को बताया कि छत्तीसगढ़ में उद्योग हितैषी वातारण है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को नई सहुलियतें देने के लिए उद्योगपतियों से चर्चा कर नई उद्योग नीति तैयार की गई है।

भरोसे वाले ये दो अहम मुद्दे भी बताएं

-दी जाएगी मदद और प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघुवनोपज के साथ ही
बागवानी फसलों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उन्हें हर संभव मदद सहायता और प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य में अब फलों और बागवानी फसलें भी बड़े पैमाने में ली जाती है, इनके प्रसंस्करण उद्योगों की यहां विपुल संभवनाएं है। जशपुर जिले का मौसम चाय की खेती के लिए अनुकूल है, वहां के मौसम के अनुकूल वहां चाय के बागान को प्रोमोट किया जा रहा है। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय उद्योग की संभावनाओं की जानकारी दी और इन क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

-बांस शिल्प क्षेत्र में कर सकते हैं वैल्यू एडिशन


मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कई अंचलों में टमाटर की बड़े पैमाने पर फसल ली जाती है। यहां का टमाटर पाकिस्तान तक जाता है। वन क्षेत्रों में बांस का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। वनवासियों को इन सबके माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है। बांस शिल्प के क्षेत्र में भी यहां के उद्योगपति वेल्यू एडिशन कर उद्योग स्थापित कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न कलात्मक वस्तुएं भी तैयार की जाती हैं। यहां के बस्तर आर्ट को देश-विदेश में पसंद किया जाता है। राज्य के विभिन्न शिल्प कलाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन शिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराने तथा समय के अनुरूप वेल्यू एडिशन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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