NMDC संग मिलकर महिलाओं को जागरूक करेंगे ब्रावो

NMDC संग मिलकर महिलाओं को जागरूक करेंगे ब्रावो

  • वेट इंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं ड्वेन ब्रावो
  • बस्तर के जनजातीय क्षेत्रों में महिलाओंं को जागरूक करने बन रही डॉक्यूमेंट्री में होंगे शामिल
  • स्वच्छता व मासिक धर्म के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन पर केंद्रीत है पहल

रायपुर/नवप्रदेश। एनएमडीसी (nmdc) महिलाओं (woman) में स्वच्छता व मासिक धर्म के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन के प्रति जागरूकता (awareness) लाने के लिए बड़ी पहल करने जा रहा है।

एनएमडीसी (nmdc) छतीसगढ़ तथा कर्नाटक में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर महिला स्वयं सहायता समूहों को सैनिटरी पैड बनाने वाली 20 मशीनें प्रदान कर रहा है। इस कड़ी में बस्तर के जनजातीय क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं और लड़कियों में मासिक धर्म को लेकर जागरूकता लाने के लिए ‘मेन टेक लीड’ नाम की डॉक्यूमेंट्री बनाई जा रही है। इस महत्वपूर्ण कार्य में वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ड्वेन ब्रावो (dwayne bravo) शामिल होंगे।

एनएमडीसी (nmdc) इस अभियान में कम लागत वाले सैनिटरी पैड बनाने वाली मशीन का अविष्कार करने वाले पैडमैन के नाम से मशहूर पद्मश्री अरुणाचलम मुरुगनांथम को भी जोड़ रहा है। यह पहल छत्तीसगढ़ में महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन के निर्माण के जरिए आजीविका के लिए भी उपयोगी साबित होगी।

एनएमडीसी से जुड़कर ब्रावो ने जताई खुशी

इस महान उद्देश्य के लिए एनएमडीसी के साथ जुडऩे पर ब्रावो (dwayne bravo) ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाओं में जागरूकता की जरूरत है, जिससे वे सार्वजनिक तौर पर अपनी असुविधाओं का जिक्र कर सकें।

सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल महिलाओं को बहुत सी बीमारियों से बचाएगा। अत: एनएमडीसी जैसे प्रतिष्ठित संगठन का सहयोग हमारे उद्देश्य को प्राप्त करने में प्रभावशाली रहेगा। ब्रावो अपने देश वेस्ट इंडीज में अनेक वर्षों से इस उद्देश्य से जुड़े हुए हैं, और भारत में भी इस अभियान से जुडऩे पर गौरान्वित महसूस कर रहे हैं।

स्वास्थ्य-विरोधी प्रथाओं से मुकाबला करने में मिलेगी मदद

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एनएमडीसी ऐसे सीएसआर कार्यों में हमेशा सबसे आगे रहता है। महिला समुदायों से संबंधित इस विषय पर ड्वेन ब्रावो की मदद से एनएमडीसी की परियोजनाओं के आस-पास के क्षेत्रों और बस्तर के आदिवासी इलाकों की महिलाओं और लड़कियों में जागरूकता पैदा होगी तथा उन्हें स्वास्थ्य-विरोधी प्रथाओं से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।
-एन बैजेंद्र कुमार, सीएमडी, एनएमडीसी

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