छत्तीसगढ़ बढ़ेगा नाइट कर्फ्यू की ओर, कैसे और क्यों जानिए….
रायपुर/नवप्रदेश। Night Curfew : कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन का खतरा भारत में भी बढ़ने लगा है। भारत के 16 राज्यों को ओमिक्रॉन ने अपने चपेट में ले लिया है। इस तरह देशभर में ताजा आंकड़ों के मुताबिक 360 ओमिक्रॉन संक्रमितों की पुष्टि की गई है।
देश के कई राज्यों में ओमिक्रॉन तो नहीं लेकिन कोविड संक्रमण दर बढ़ने से इन प्रदेशों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान जरूर कर दिया गया है। खासकर क्रिसमस और नए वर्ष के कार्यक्रमों में भीड़ को नियंत्रित करने के दृष्टिकोण से यह बड़ा निर्णय लिया गया है।
बढ़ते संक्रमण के कारण कर्फ्यू
दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के दो शहर भोपाल, इंदौर में नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) का ऐलान वहां के प्रदेश सरकारों ने कर दिया है। वहीं महाराष्ट्र, कर्णाटक और गुजरात में धारा 144 लागू कर दिया गया है। दीगर राज्यों में हुए ऐलानों के बाद छत्तीसगढ़ में भी नाईट कर्फ्यू की सुगबुगाहट तेज हो गई है। हालांकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दूसरे प्रदेशों में ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए प्रदेश में कोविड-19 वार-रूम सक्रिय कर दिया है। विभागीय प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला के निर्देश पर नवा रायपुर में इंद्रावती भवन स्थित स्वास्थ्य सेवाओं के संचालनालय में कोविड-19 वार-रूम ने काम करना भी शुरू कर दिया है।
छग में पाॅजिटिविटी दर नियंत्रित
कोविड-19 वार-रूम बनने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी रात में नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) का ऐलान होने की सुगबुगाहट ने सभी को चौंका दिया है। प्रदेश के गृह विभाग ने हालांकि इसे अफवाह करार दिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू की माने तो वर्तमान में छत्तीसगढ़ में नाइट कर्फ्यू की आवश्यकता नहीं है। छत्तीसगढ़ में औसत पाॅजिटिविटी दर 0.17 प्रतिशत है। साथ ही प्रदेश के 15 जिलों में बीते 24 घंटों में कोरोना का कोई नया मामला भी नहीं है। वार रूम के मद्देनजर नजर रखा जा रहा है। यदि जरुरत पड़ी तो ऐतिहातन कदम भी उठाया जा सकता है,लेफिलहाल अभी जरुरत नहीं है।
कोरोना गाइडलाइन पालन करने CM भूपेश की अपील
कोविड-19 एवं नये वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा देश भर में बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संक्रमण से बचाव के लिए राज्य में लोगों से सावधानी एवं सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है, लापरवाही के कारण ही प्रदेश पिछली बार लॉक डाउन की ओर बढ़ा था, इसलिए संक्रमण से स्वयं एवं अपने परिवार व समाज को सुरक्षित रख सकें।