BIG BREAKING छत्तीसगढ़ में अब नहीं बढ़ेगा लॉकडाउन, पर ऐसी होगी व्यवस्था
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में 6 अगस्त के बाद लॉकडाउन (lockdown) नहीं बढऩे जा रहा है। हालांकि लॉकडाउन को लेकर कोई फैसला लेने को लेकर अधिकार कलेक्टरों (collector) को ही रहेंगे।
छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में लॉकडाउन (lockdown) को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंत्रियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन किस तरह से हटेगा और व्यवसायियों को व्यापार करने किस तरह छूट मिलेगी इसको लेकर बाद में गाइड लाइन जारी की जाएगी। लेकिन एक बात तो तय है कि लॉकडाउन बढऩे नहीं जा रहा है। बताया ये भी जा रहा है कि रायपुर, दुर्ग व राजनांदगांव जिलों में कलेक्टर (collector) अपने अनुसार व्यापार-व्यवसाय की व्यवस्थाएं कर सकेंगे।
बता दें कि रायपुर, दुर्ग व राजनांदगांव कोरोना से सर्वाधिक संक्रमित हैं। लेकिन इन जिलों में भी लॉकडाउन बढऩे की संभावना कम ही हैं। यह भी बताया जा रहा है कि इन जिलों में अलग-अलग व्यापार करने वालों केे लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया जाएगा।
ये फैसला ले सकते हैं कलेक्टर
जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन का अधिकार अब भी सरकार ने कलेक्टरों पर ही छोड़ रखा है। संक्रमण के मद्देनजर राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई बड़े शहरों में कोरोना हॉटस्पाट हैं। औसतन रोजाना 50 से 100 मरीजों का आंकड़ा भी है। इसलिए यकायक लॉकडाउन में रियायत देकर सभी कारोबार को एकदम से छूट देने से स्थिति बिगडऩे को लेकर भी पशोपेश में है प्रशासन। संभवतया राशन-किराना और अन्य कारोबार जो लंबे वक्त से बंद पड़ गए हैं उनके लिए आंशिक या संतोषजनक फैसला कलेक्टर ले सकते हैं।
यहां शर्तों पर होगी छूट
रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर और अन्य जिलों में लॉकडाउन 6 अगस्त तक रोपित था। मंत्री मंडल की बैठक में तो चेंबर और व्यापारियों की इ’छा को ध्यान में रखते हुए सरकार सख्त लाकडाउन के खिलाफ है। लेकिन, शासन ने संक्रमित जिलों में कलेक्टरों को ही लॉकडाउन पर फैसला लिए जाने का अधिकारी दे रखा है। संभवतया बीच का रास्ता निकलेगा और चेंबर की नाराजगी, राÓय सरकार की इ’छाओं को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर और सरगुजा समेत अन्य प्रभावित जिलों में मामूली से मध्यम राहत दे सकते हैं।
इन्हें मिलेगी सशर्त राहत
राशन, किराना, मनिहारी, सराफा, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, सब्जी, डेली नीड्स, आवाश्यक उत्पादों समेत जिम, फिटनेस सेंटर, सेलून