छत्तीसगढ़ सरकार का स्कूली शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम, आईटीआई व्यवसायिक शिक्षा प्रारम्भ
बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने के साथ-साथ हुनरमंद बनेंगे – भूपेश
रायपुर/नवप्रदेश। ITI Vocational Education : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के साथ-साथ आईटीआई व्यवसायिक शिक्षा के संयुक्त पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दुर्ग जिले के पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल से छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्कूली शिक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा के लिए तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम की ऐतिहासिक शुरुआत की। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल भी वर्चुअल शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल और राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद (SCVT) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए इस दो वर्षीय पाठ्यक्रम में कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ आईटीआई कोर्स की पढ़ाई भी विद्यार्थी कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। इससे विद्यार्थियों के समय और ऊर्जा की बचत होगी।
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मुख्यमंत्री बघेल द्वारा शुभारंभ किए गए इस कोर्स के तहत पाटन में 80 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। इनमें से 40 बालिकाओं का स्टेनोग्राफी हिन्दी और 40 बालकों का वेल्डिंग कोर्स के लिए चयन किया गया है।
रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल से शुरू किया गया यह पाठ्यक्रम (ITI Vocational Education) छत्तीसगढ़ की स्कूल शिक्षा में एक बहुत बड़ा और व्यापक बदलाव लाने वाला कदम साबित होगा। इसमें पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा 12वीं का प्रमाणपत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दिया जाएगा, जिससे वे उच्च शिक्षा में प्रवेश ले सकते हैं और आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जिससे वे रोज़गार प्राप्त कर सकेंगे। दोनों कोर्स एक साथ चलेंगे। मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों को ऐसा संयुक्त कोर्स छत्तीसगढ़ के स्कूलों में लागू करने के निर्देश दिए थे। जिसकी आज शुरुआत की गई।
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ को मिलेगा योगदान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में आज शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरूआत हो रही है। छत्तीसगढ़ के बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने के साथ-साथ हुनरमंद बनेंगे और छत्तीसगढ़ के नव-निर्माण में भी अपना योगदान दे सकेंगे। सीएम बघेल ने कहा कि हायर सेकेण्डरी कक्षाओं में बच्चे अब मुख्य विषयों के साथ हुनर सीखने वाले विषय भी चुन सकेंगे।
स्कूली स्तर पर मिलेगा कौशल प्रशिक्षण
छात्रों के लिए वेल्डर ट्रेड और छात्राओं के लिए स्टेनोग्राफी हिन्दी पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। यह पाठ्यक्रम दो वर्ष का होगा। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के दौरान दो वर्ष में यह पाठ्यक्रम (ITI Vocational Education) पूरा होगा। स्कूली स्तर पर ही कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को छत्तीसगढ़ में स्थापित हो रहे छोटे और बड़े उद्योगों में रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी, वे स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भविष्य में इस रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम का विस्तार किया जाएगा और जरूरत के अनुसार नए टेªड इसमें शामिल किए जा सकेंगे। विद्यार्थियों के सामने अपने भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति नहीं होगी। वे दुनिया के किसी भी कोने में जाकर रोजगार प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे।
शिक्षा क्षेत्र में नया प्रयोग- पटेल
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विजन के अनुसार छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यह नया प्रयोग आज से शुरू हो रहा है। जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा भी मिलेगी और वे अपने सीखे गए कौशल से रोजगार के लिए भी तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस पाठ्यक्रम का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा।
दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर भुरे ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थी कक्षा 11वीं और 12वीं के पांच विषयों में से भाषा के दो विषयों में से एक के स्थान पर तकनीकी विषय का चयन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के लिए पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल में लैब तैयार कर ली गई है।