Chhattisgarh में सरकार का खर्च कटौती का बड़ा फैसला, इंक्रीमेंट समेत इन पर रोक

Chhattisgarh में सरकार का खर्च कटौती का बड़ा फैसला, इंक्रीमेंट समेत इन पर रोक

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नवप्रदेश/ रायपुर। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) शासन (government) ने कोरोना (corona) के तहत लॉकडाउन (lockdown) के बीच एक बड़ा फैसला लिया है। सरकारी कर्मचारियों के इंक्रीमेंट (increment) समेत नई खरीदी, नए पदों के सृजन समेत नए तरह के खर्चों पर अंकुश लगा दिया गया है। यह फैसला राज्य (chhattisgarh) सरकार (government) ने एक साल के लिए लगाया है।

बता दें कि पूर्व में ही कोरोना (corona) संकट व लॉकडाउन (lockdown) के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शासन ने सरकारी कर्मचारियों के डीए की कटौती का फैसला लिया था। वित्त विभाग द्वारा जारी यह आदेश राज्य के शासकीय विभागों, कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम, मण्डल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं में भी समान रूप से लागू होंगे। अब इंक्रीमेंट (increment) समेत अन्य खर्चों पर भी अंकुश लगाया गया है।

ये निर्देश 31 मार्च 2021 तक लागू रहेंगे। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा आज मंत्रालय से सभी विभागों सहित अध्यक्ष, राजस्व मंडल, संभागीय कमिश्नरों, विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया गया है।

विभाग की अनुमति बगैर सीधी भर्ती नहीं

जानकारी मिली है कि अनुकंपा नियुक्ति और पीएससी भर्ती को छोड़कर कोई भी सीधी भर्ती वित्त विभाग के अनुमति के बगैर नहीं होगी। यह एक प्रकार से नई भर्ती पर रोक ही माना जा रहा है। इसी प्रकार, सरकार ने नए पदों के सृजन, नई खरीदी, बड़े पैमाने पर सम्मेलन, सेमिनार आदि पर भी रोक लगा दी है। सरकार ने कोरोना संकट के दौरान राजस्व प्राप्तियों में कमी को देखते हुए यह फैसला लिया है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, कोरोना संक्रमण (कोविड-19) से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार के राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही महामारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था भी तत्काल किया जाना है, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय व्यय के युक्तियुक्तकरण और उपलब्ध संसाधनों का विकासमूलक कार्यो के लिए अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए मितव्ययता के अनेक निर्णय लिए हैं। जिसके तहत नए पदों का निर्माण, स्थानांतरण, महंगे होटलों में बैठकें, विदेश यात्रा और नए वाहनों की खरीदी पर रोक लगा दी गई है वहीं रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि में मितव्ययता के संबंध में निर्देश जारी किए गए है।

नई गाड़ियां, महंगे होटलों में कार्यक्रम, विदेश यात्रा भी बंद

लोक हित में वांच्छित अपवाद को छोड़कर राज्य शासन के व्यय पर विदेश यात्राओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। शासकीय अधिकारियों के बिजनेस क्लास से हवाई यात्रा और प्रथम श्रेणी में रेल यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। अनावश्यक एवं बिना सक्षम स्वीकृति के शासकीय भ्रमण प्रतिबंध रहेगा। विभागों को बैठकों का आयोजन न्यूनतम करने को कहा गया है।

मितव्ययता बरतने के निर्देश

कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, शासकीय समारोह के आयोजनों में मितव्ययिता बरतने तथा अति आवश्यक बैठक-कार्यक्रम का आयोजन महंगे होटलों की बजाय शासकीय भवनों में करने के निर्देश दिए गए है। यथा संभव बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंस एवं वेबीनार के माध्यम से आयोजित की जाए। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान नवीन वाहनों का क्रय पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा केवल अत्यावश्यक सेवाओं के लिए आवश्यक वाहनों का क्रय वित्त विभाग की अनुमति से किया जा सकेगा।

आदेश में आर्थिक लॉकडाउन जुलाई 2020 से 1 जनवरी 2021 तक

सूबे के सरकारी कारिंदों को एक जुलाई 2020 एवं एक जनवरी 2021 में देय वार्षिक वेतन वृद्धि को आगामी आदेश तक विलंबित रखा गया है। किन्तु एक जनवरी 2021 एवं एक जुलाई 2021 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवकों के मामले में यह लागू नहीं होगा। विभिन्न विभागों द्वारा संचालित व्यक्तिगत जमा खाता (पीडी एकाउंट) जो एक वर्ष की अवधि से प्रचलन में नहीं है को तत्काल बंद करने तथा खाते में जमा राशि चालान के माध्यम से शासकीय कोष में जमा करने के निर्देश दिए गए है। राज्य पोषित योजना के तहत प्रावधानित राशि जो कि संचित निधि से 31 मार्च 2020 तक अग्रिम आहरित कर बैंक खातों में रखी गई है को अर्जित ब्याज सहित 15 जून 2020 तक राज्य शासन के खाते में वापिस जमा की जाएगी।

ये भी कहता है वित्त विभाग का आदेश

वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि कतिपय केन्द्रीय योजनाओं में राशि बजट के माध्यम से प्राप्त होती है। ऐसी योजनाओं में बजट में प्रावधानित राशि के विरूद्ध 31 मार्च 2020 तक अग्रिम आहरित कर बैंक खाते में जमा राशि में से कमिटेड एक्सपेंडिचर, जो तत्काल किया जाना संभावित हो, का भुगतान कर शेष समस्त राशि अर्जित ब्याज सहित मुख्य शीर्ष 8443-के-डिपाजिट में 15 जून 2020 तक अनिवार्य रूप से जमा करने को कहा गया है। विभागों द्वारा भविष्य में आवश्यकतानुसार वित्त विभाग की अनुमति से के-डिपाजिट में जमा राशि विमुक्त कराई जा सकेगी।

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