Chhattisgarh : गेहूं की खेती का तेजी से बढ़ता ग्राफ, 3 सालों में बढ़ा 3 गुना रकबा |

Chhattisgarh : गेहूं की खेती का तेजी से बढ़ता ग्राफ, 3 सालों में बढ़ा 3 गुना रकबा

Chhattisgarh: Fast growing graph of wheat cultivation, area increased 3 times in 3 years

Chhattisgarh

रायपुर/नवप्रदेश। Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ राज्य में खेती-किसानी में अब तेजी से बदलाव आ रहा है। राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलने लगा है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को समय-समय पर दी जानी वाली सीधी मदद भी फसल विविधीकरण में मददगार साबित हुई है। इस योजना के तहत किसानों को सालभर में चार किश्तों में दी जानी वाली इनपुट सब्सिडी से खेती-किसानी समृद्ध हुई है और धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में अन्य फसलों की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है।

छत्तीसगढ़ में गेहूं की खेती का तेजी से बढ़ता ग्राफ

छत्तीसगढ़ में चना, तिवड़ा, सरसो, गेहूं रबी की मुख्य फसलें हैं। बीते तीन सालों में गेहूं की खेती की ओर राज्य के किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है। जिसके चलते गेहूं की रकबे में पौने तीन गुना की वृद्धि हुई। राज्य में तीन-चार साल पहले औसतन एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुआ करती थी, जो रबी सीजन 2020-21 में सवा दो लाख हेक्टेयर तक जा पहुंची थी, वही रबी सीजन 2021-22 में गेहूं का रकबा बढ़कर पौने तीन लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है।

रकबा बढ़कर पहुंचा सवा लाख हेक्टेयर

छत्तीसगढ़ के सिर्फ (Chhattisgarh) चार जिलों राजनांदगांव, कबीरधाम, बेमेतरा, दुर्ग क्षेत्र में देखें तो, गेहूं की खेती का रकबा तीन सालों में तीन गुना बढ़ गया है। वर्ष 2016-17 और 2017-18 उक्त जिलों में गेहूं की खेती औसतन 40-45 हजार हेक्टेयर में होती थी, जिसका रकबा बढ़कर आज सवा लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है।

गेहूं की खेती में तीन वर्षाें में सर्वाधिक 4 गुना बढ़ोत्तरी बेमेतरा जिले में हुई है, यहां गेहूं की खेती का रकबा 14-15 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 55 हजार हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है, जबकि इस दौरान राजनांदगांव जिले में गेहूं का रकबा 12 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 33 हजार हेक्टेयर और कबीरधाम जिले में 7 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 13 हजार हेक्टेयर हो गया है। बलरामपुर और सूरजपुर जिले में भी गेहूं की खेती को लेकर किसानों में क्रेज बढ़ा है।

सूरजपुर जिले में 5 हजार हेक्टेयर से गेहूं का रकबा बढ़कर 12 हजार हेक्टेयर से अधिक, बलरामपुर जिले में 9 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 24 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। सरगुजा में भी गेहूं की बुआई का रकबा लगभग दोगुना हो गया है। रबी सीजन 2017-18 में सरगुजा जिले में 54 सौ 10 हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई थी, जो आज 12 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गई है।

इस साल पौने 3 लाख हेक्टेयर में हो रही गेहूं की खेती

राज्य के बिलासपुर संभाग के जिलों में भी गेहूं की खेती के रकबे में भी तीन सालों में लगभग 30 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है। मुंगेली जिले में गेहूं का रकबा लगभग ढ़ाई गुना बढ़ा है। यहां तीन साल पहले औसतन 5 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती थी, जो आज बढ़कर 12 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गई है।

जांजगीर-चांपा जिले में भी गेहूं का रकबा लगभग 1500 हेक्टेयर से बढ़कर 7 हजार हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है। रायगढ़ जिले में अब 18 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती होने लगी है। तीन साल पहले तक रायगढ़ जिले में औसतन रूप से मात्र 3 हजार हेक्टेयर गेहूं की खेती होती थी।

छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh) में वर्ष 2016-17 रबी सीजन में एक लाख 5 हजार 860 हेक्टेयर में, वर्ष 2017-18 में एक लाख 2 हजार 190 हेक्टेयर में, वर्ष 2020-21 में 2 लाख 27 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई थी, इस साल 2 लाख 77 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की जा रही है।

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