काश सभी अफसर हो जाते छग के इस अपर कलेक्टर जैसे संवेदनशील, बच्ची की डबडबाईं आंखें…
Chhattisgarh Bureaucrats : गामिनी के सपनों को लगा दिए पंख
बालोद/नवप्रदेश। Chhattisgarh Bureaucrats : अफसर शब्द अपने आप में रुतबेदार है, लेकिन इस रुतबे में संवेदनशीलता मिल जाए तो हर जरूरतमंद की काफी हद तक मदद संभव है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Bureaucrats) के एक अपर कलेक्टर ने जो किया, उससे ये बात स्पष्ट हो जाती है।
संघर्ष की कहानी बालोद जिले के गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम खुटेरी निवासी की छात्रा गामिनी यदु की है, जिसकी उम्मीदों को अपर कलेक्टर अनिल बाजपेयी की संवेदनशीलता से पंख लगने जा रहे हैं।
दरअसल 18वर्ष की गामिनी का नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में नंबर लग गया। लेकिन उसके गरीब किसान पिता विनोद कुमार यदु के पास फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे, जिससे एक समय गामिनी को लगने लगा कि शायद उसके नसीब में 12वीं तक की ही पढ़ाई थी।
Chhattisgarh Bureaucrats : पिता ने खटखटाया प्रशासन का दरवाजा :
लेकिन गामिनी के पिता को उसे आगे पढ़ाना था। लिहाजा उन्होंने मदद के लिए प्रशासन का दरवाजा खटखटाया। मदद का आवेदन अपर कलेक्टर अनिल वाजपेयी के समक्ष प्रस्तुत किया। चूंकि एडमिशन की आखिरी तारीख &1 दिसंबर 2020 को शाम 5 बजे तक ही थी।
उस समय तत्कालिक रूप से सरकारी सहायता उपलब्ध हो पाना सम्भव नहीं था। लेकिन बाजपेयी अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अपने सहयोगी अधिकारियों की मदद से उस ब’ची की मदद की और उसके एडमिशन से लेकर जगदलपुर आने-जाने तक की पूरी व्यवस्था की।
अपर कलेक्टर की अपील पर एकत्रित पैसे को बतौर गामिनी की फीस कॉलेज के बैंक खाते में डाल दिया गया। जिससे गामिनी का एडमिशन हो गया।
Chhattisgarh Bureaucrats : बच्ची की डबडबाईं आंखें और कांपते शरीर ने झकझोर कर रख दिया अंतर्मन
अपर कलेक्टर अनिल बाजपेयी ने नवप्रदेश को बताया कि कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन में जिले के सभी अधिकारी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहे हैं। ग्राम खुटेरी की 18 वर्षीया बालिका गामिनी यदु का शासकीय नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के लिए चयन हुआ था। लेकिन गामिनी यदु के पास एडमिशन फीस जमा करने के पैसे नहीं थे।
जगदलपुर आने जाने के लिए भी सक्षम नहीं थी। &1 दिसंबर 2020 की शाम जब कार्यालय बंद होने की स्तिथि में था। तब गामिनी यदु अपने पिता के साथ मेरे समक्ष आवेदन लेकर उपस्तिथ हुईं। उस ब’ची की डबडबाईं आंखों और कांपते शरीर ने मेरे अंतर्मन को झकझोर कर रख दिया।
फिर मैंने अपने सहयोगी अधिकारियों से तत्काल इस विषय में बात की। सभी ने मेरे आग्रह को स्वीकार करते हुए उस बेटी की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। थोड़े समय मे ही &2 हजार की राशि एकत्र हो गई। जिसके बाद मैंने जगदलपुर नर्सिंग कॉलेज में फोन पर बात की और सीधे बैंक खाते में पैसे जमा करवाये। साथ ही गामिनी यदु के दस्तावेजों को अपने कार्यालय से ही ऑनलाइन सबमिट करवाया।
अपर कलेक्टर सर व सभी अफसरों को धन्यवाद : गामिनी
छत्तीसगढ़ (chhattisgarh bureaucrats) के बालोद जिले की बेटी गामिनी यदु ने बताया कि शुरू से उसकी रुचि नर्सिंग के क्षेत्र में थी। इसीलिए गवर्मेंट मेडीकल कॉलेज में एडमिशन के लिए मैंने काउंसलिंग की थी। जिसके बाद मेरा चयन जगदलपुर में हुआ।
मेरे पापा का नवम्बर माह में एक्सीडेंट हो गया था और घर की हालत भी ठीक नहीं थी। जिसके बाद मैं अपने पापा के साथ अपर कलेक्टर सर के पास सरकारी मदद मांगने गई। मैं अपर कलेक्टर सर और सभी अन्य अधिकारियों का धन्यवाद करती हूं।