chanakya neeti: अपमान की चर्चा किसी से भूलकर भी न करे...व्यक्ति समाज में ... |

chanakya neeti: अपमान की चर्चा किसी से भूलकर भी न करे…व्यक्ति समाज में …

chanakya neeti, Do not discuss insult with anyone even by forgetting it,

chanakya neeti

chanakya neeti: बुद्धिमान गृहस्थ व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने धन के नष्ट होने की मानसिक संताप (किसी भी पारिवारिक घटना से होने वाली मानसिक व्यथा) की, धर्मपत्नी की दुश्चरित्रता की, किसी नीच प्रवृत्ति के व्यक्ति द्वारा किये गये प्रहार की तथा अपने अपमान की चर्चा किसी से भूलकर भी न करे।

इन समस्त बातों को यथासम्भव गुप्त रखना चाहिए। इन्हें प्रकाश में लाने वाला व्यक्ति समाज में हंसी, अपमान, निन्दा का पात्र बनता है। लोग उसे घृणा और हिकारत भरी दृष्टि से देखने लगते हैं। यही बुद्धिमान पुरूष का कर्म है।

व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी स्त्री से ही सन्तोष करे, चाहे वह रूपवती हो अथवा साधारण, वह सुशिक्षित हो अथवा निरक्षर। इसी प्रकार व्यक्ति को जो भोजन प्राप्त हो जाये, उसी से सन्तोष करना चाहिए।

आजीविका से प्राप्त धन के सम्बन्ध में भी यही विचार है। इसके विपरीत चाणक्य का यह भी कथन है कि शास्त्रों के अध्ययन, प्रभु स्मरण और दान कार्य में कभी भी सन्तोष नहीं करना चाहिए।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *