CG SECL : एक बार फिर फूटा भूमि विस्थापित किसानों का गुस्सा...खदान में बंद कराया काम

CG SECL : एक बार फिर फूटा भूमि विस्थापित किसानों का गुस्सा…खदान में बंद कराया काम

CG SECL: Once again the anger of the displaced farmers of the land erupted ... work stopped in the mine

CG SECL

कोरबा/नवप्रदेश। CG SECL : कोरबा स्थित एसईसीएल के भू विस्थापित किसानों का गुस्सा एक बार फिर भड़क गया है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में किसान गेवरा खदान पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए काम बंद करा दिया है। इससे एसईसीएल को नुकसान हो रहा है। सूचना मिलने पर कुसमुंडा थाना पुलिस के साथ ही CISF के जवान भी मौके पर पहुंच गए हैं। अफसरों की ओर से किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। 

SECL की खदान में प्रदर्शनकारियों को देखते हुए CISF जवान और पुलिस पहुंची हुई है।

प्रदर्शनकारी मानने के लिए तैयार नहीं

दरअसल, SECL की कोल परियोजनाओं (CG SECL) के लिए किसानों ने अपनी जमीनें दी थीं। इसके बाद से ही किसान अपनी तमाम मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि प्रबंधन ने उन्हें अभी तक मुआवजा, नौकरी, बसावट और बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। इन्हीं चार सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने फिर से आंदोलन कर दिया है। हाथों में झंडा लिए किसान सुबह करीब 10 बजे गेवरा खदान पहुंच गए और उत्पादन ठप करा दिया। इसके बाद वहीं बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी है। 

किसानों को प्रदर्शन करते हुए 6 घंटे से भी लंबा समय हो गया है। अब तक SECL को इससे लाखों रुपए का नुकसान बताया जा रहा है। खदान बंद होने की सूचना के बाद से SECL के अफसर और CISF जवान मौके पर हैं। प्रदर्शन के चलते खदान में वाहनों की लंबी कतार लग गई है। जिसके कारण कोयला सप्लाई भी पूरी तरह से रुक गई है। अफसरों की ओर से किसानों को  समझाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं। बरसते पानी और कीचड़ में किसान डटे हुए हैं। 

किसानों के प्रदर्शन के चलते उत्पादन ठप हो गया है।

मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति (CG SECL) के सदस्य वीरेंद्र सिंह कंवर ने चेतवानी दी है कि SECL प्रबंधन की ओर से उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो प्रदर्शन इसी तरह से जारी रहेगा। किसानों को विरोध को देखते हुए फिलहाल SECL प्रबंधन भी अभी बैकफुट पर है। प्रबंधन की ओर से अभी तक इस प्रदर्शन के चलते हो रहे नुकसान और परिस्थितियों को लेकर कोई बयान नहीं आया है। दूसरी ओर किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

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