50-55 साल की आयु व 30 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके केन्द्रीय कर्मी होंगे रिटायर, पढ़ें पूरे नियम

50-55 साल की आयु व 30 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके केन्द्रीय कर्मी होंगे रिटायर, पढ़ें पूरे नियम

नई दिल्ली/नवप्रदेश। ऐसे केन्द्रीय कर्मचारी जिनकी आयु 50-55 वर्ष (Central employees 50-55 years of age) हो चुकी है या जिनकी सर्विस के 30 साल पूरे (30 years of service has been completed) हो चुके हैं, को प्रीमैच्योर रिटायरमेंट (Premature Retirement) दिया जाएगा। केन्द्र सरकार (Central government) के कार्मिक जन समस्या व पेंशन विभाग द्वारा इस संबंध का ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया जा चुका है।

कर्मचारियों को प्रीमैच्योर रिटायरमेंट दिया

हालांकि इस ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक 50-55 वर्ष की आयु या 30 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके उन कर्मचारियों को ही प्रीमैच्योर रिटायरमेंट दिया जाएगा, जिनकी ईमानदारी संदेह के दायरे में हो और जो अपनी जिम्मेदारी संभालने में निष्प्रभावी हो। हालांकि इस क्राइटेरिया में कुछ छूट के प्रावधान हैं। कार्मिक विभाग के अपर सचिव सूर्यनारायण झा ने नवप्रदेश को बताया कि ये नियम नए नहीं हैं। केन्द्रीय कर्मचारियों से जुड़े फंडामेंटल रूल में इन नियमों का उल्लेख है। समय-समय पर इन नियमों संबंधी ऑफिस मेंमोरेंडम जारी किया जाता है।

28 अगस्त 2020 को जारी ऑफिस मेमोरेंडम का विषय है- ‘फंडामेंटल रूल (एफआर) 56 (जे) (एल) और सीसीएम (पेनशन) रूल 1972 के अंतर्गत प्रशासन को मजबूत करने के लिए केन्द्रीय कर्मचारियों का पीरियाडिक रिव्यू’। ऑफिस मेमोरेंडम में उक्त नियमों के हवाले से बताया गया है कि उचित प्राधिकारी को उस स्थिति में किसी केन्द्रीय कर्मचारी को रिटायर करने का अधिकार है, जब ऐसा करना जनहित में हो। हालांकि इसके लिए उचित प्राधिकारी के द्वारा संबंधित कर्मचारी को लिखित में प्रस्तावित प्रीमैच्योर रिटायरमेंट डेट के तीन माह पहले नोटिस या नोटिस के बदले कर्मचारी को तीन माह की सैलरी व भत्ते दिए जाएंगे।

आयु संबंधी नियम :

गु्रप ए या गु्रप बी की सेवा या अर्धशासकीय, अस्थायी पद के जरिए शासकीय सेवा में प्रवेश कर चुके कर्मचारी के लिए 50 वर्ष बशर्ते उसने उम्र के 35 वर्ष पूर्व शासकीय सेवा ज्वाइन कर ली हो।

अन्य के लिए 55 वर्ष
गु्ररू सी के कर्मचारियों के लिए जिन पर पेंशन नियम लागू नहीं होते, सर्विस के 30 साल।

प्री मैच्योर रिटायरमेंट का क्रारटेरिया:

  • ऐसे कर्मचारी, जिनकी ईमानदारी संदेह के दायरे में हो, रिटायर किए जाएंगे।
  • निष्प्रभावी पाए जाने वोल कर्मचारी भी रिटायर किए जाएंगे। ऐसे कर्मचारियों की पहचान के लिए मूल आधार उन कर्मियों द्वारा संभाली जा रही पोस्ट को लेकर उनका फिटनेस/क्षमता होगी।
  • निष्प्रभावी पाये जाने के आधार पर सामान्य तौर पर ऐसे किसी कर्मचारी को रिटायर नहीं किया जाएगा जिसका कि अगले एक साल में आयु पूरी होने के कारण रिटायरमेंट होना है। फिर भी यदि ऐसे कर्मचारी की दक्षता/प्रभावशीलता में अचानक से गिरावट आ जाए तो उनके केस की प्रीमैच्योर रिटायरमेंट के लिए समीक्षा हो सकती है। एक साल में इस प्रकार रिटायर नहीं किए जाने का उक्त नियम तभी लागू होगा जब संबंधित कर्मचारी का रिटायरमेंट निष्प्रभावी होने के कारण प्रस्तावित है न कि ईमानदारी में संदेह के आधार पर।
  • ऐसे किसी कर्मचारी को साधारणतया रिटायर नहीं किया जाएगा जिनका पिछले पांच साल की सेवा या पिछले पांच साल में प्रमोशन वाली ऊंची पोस्ट पर कार्यकाल संतोषजनक रहा।

हालांकि ईमानदारी पर संदेह के आधार पर रिटायर किए जाने वाले कर्मचारियों के मामले में ऐसी व्यवस्था नहीं होगी। पिछले पांच साल में प्रमोशन पाने वाले शासकीय कर्मचारियों के मामले में एसीआर में उल्लेखित पिछली एंट्री पर गौर किया जाएगा कि उसे वरिष्ठता सह फिटनेस के आधार पर प्रमोशन दिया गया न कि मेरिट के आधार पर।

5. समीक्षा के वक्त सरकारी कर्मचारी के संपूर्ण सर्विस रिकॉर्ड पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यहां सर्विस रिकॉर्ड से आशय सभी संबंधित रिकॉडर्स से है और इसलिए समीक्षा को सिर्फ एपीआर/एपीएआर पर गौर फरमाने तक ही सीमित नहीं किया जा सकता। शासकीय कर्मचारी की निजी फाइल में मूल्यवान सामग्री हो सकती है। इसी तरह उससे जुड़ी फाइल का अवलोकन करते वक्त उसके काम व प्रदर्शन को भी जांचा जा सकता है।

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