CAQM : सीएक्यूएम ने एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर की एक आपात बैठक

CAQM : सीएक्यूएम ने एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर की एक आपात बैठक

नई दिल्ली, नवप्रदेश। आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता और खराब होने की आशंका है। मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति ने आज ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कार्रवाई करने के लिए एक आपात बैठक की। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मद्देनजर तेज एवं अति आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई। गतिशील मॉडल और मौसम संबंधी पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता 3 नवंबर 2022 से 5 नवंबर 2022 तक ‘गंभीर/गंभीर+’ श्रेणी में बनी रह सकती है।

बैठक के दौरान आयोग ने समग्र वायु गुणवत्ता मानकों की व्यापक समीक्षा करते हुए पाया कि धीमी गति से हवा चलने और खेतों में फसल जलाने के बढ़ते मामलों के कारण ग्रैप के चौथे चरण – ‘गंभीर+ वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई>450)’ को तत्काल प्रभाव से लागू करना जरूरी हो गया है। एनसीआर की हवा को और खराब होने से बचाने के लिए यह प्रदूषण रोधी एहतियाती कदम है।

यह ग्रैप के चरण 1, चरण 2, चरण 3 के तहत लगे प्रतिबंधों के अतिरिक्त है। चौथे चरण यानी ‘गंभीर+’ वायु गुणवत्ता की स्थिति में दिल्ली में वाणिज्यिक ट्रकों के प्रवेश, दिल्ली के भीतर डीजल वाले वाणिज्यिक वाहनों और गैर-बीएस VI यात्री वैन, एलएमवी आदि पर पाबंदी लग गई है। ग्रैप के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) और डीपीसीसी से इस अवधि में जीआरएपी के चौथे चरण को कड़ाई से लागू करना सुनिश्चित करने को कहा गया है।

इसके अलावा, सीएक्यूएम ने एनसीआर के नागरिकों से जीआरएपी को लागू करने में सहयोग करने और सिटीजन चार्टर में दिए गए कदमों का पालन करने की अपील की है। नागरिकों को सलाह दी गई है:

बच्चे, बुजुर्ग और सांस, हृदय व अन्य पुरानी गंभीर बीमारियों वाले लोग बाहरी गतिविधियों से बचें और जितना हो सके घर के अंदर रहें।

पहले, दूसरे और तीसरे चरण के कदमों के अलावा पूरे एनसीआर में आज से ग्रैप का चौथा चरण लागू हो गया है। इसकी 8 सूत्रीय कार्य योजना में शामिल उपायों का विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और डीपीसीसी द्वारा सख्ती से पालन किया जाना है। ये उपाय हैं:

जरूरी सामान/आवश्यक सेवाओं वाले और सभी सीएनजी/इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों के प्रवेश पर रोक

जरूरी सामानों/आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति से जुड़े वाहनों को छोड़कर दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले मध्यम (एमजीवी) और बड़े वाहनों (एचजीवी) पर प्रतिबंध

बीएस-6 वाहनों और जरूरी/आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी गाड़ियों को छोड़कर डीजल से चलने वाली चार पहिया गाड़ियों पर दिल्ली और इससे जुड़े एनसीआर के जिलों में रोक

एनसीआर में पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन का इस्तेमाल करने वाली सभी उद्योगों को बंद कर दें, उन इलाकों में भी जहां पीएनजी इन्फ्रास्ट्रक्चर और आपूर्ति नहीं है लेकिन अब भी वे एनसीआर के लिए स्वीकृत लिस्ट से अलग ईंधन पर चल रहे हैं

नोट: दूध और डेयरी इकाइयों जैसे उद्योगों और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों/डिवाइसों, दवाओं के उत्पादन/निर्माण में शामिल को उपरोक्त प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी।

5. राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन आदि जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं में सी एंड डी गतिविधियों पर प्रतिबंध

6. दिल्ली-एनसीआर की राज्य सरकारें फैसला कर सकती हैं कि वे अपने ऑफिस और प्राइवेट ऑफिस में 50 प्रतिशत कर्मियों को वर्क फ्रॉम होम दें

7. केंद्र सरकार भी फैसला कर सकती है कि वह अपने ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम लागू करे

8. राज्य सरकारें स्कूल/कॉलेज/शिक्षण संस्थान बंद करने, गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने और गाड़ियों पर ऑड ईवन आदि से जुड़े अतिरिक्त आपातकालीन फैसले ले सकती हैं

अगली व्यापक समीक्षा 6 नवंबर 2022 को होगी और जीआरएपी उपायों पर आगे वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और अन्य मौसम संबंधी मापदंडों के आधार  पर फैसला लिया जाएगा।

जीआरएपी की संशोधित सूची आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे caqm.nic.in पर देखा जा सकता है।

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