Budget 2023 = सबको साधो, 2024 सधेगा
संजय शेखर। Budget 2023 : मोदी सरकार के आम बजट की एक वाक्य में व्याख्या की जाए तो कहा जा सकता है कि बजट का सीधा संदेश है- सबको साधो, 2024 सधेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बहुत ही चतुराई के साथ उपलब्ध संसाधनों से देश के सभी वर्गों को साधने की भरपूर कोशिश की है ताकि इसका लाभ 2024 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा सरकार को मिल सके। हालांकि इस आम बजट को पूरी तरह से चुनावी बजट भी नहीं कहा जाएगा क्योंकि बजट में भविष्य के भारत के लिए भी जरूरी बजट प्रावधान करने की कोशिश की गई है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब की सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख करते हुए देश की करीब 8.6 करोड़ वेतनभोगियों को कुछ हद तक संतुष्ट करने की कोशिश की है। इसी तरह से मोदी सरकार ने 80 करोड़ निर्धन लोगों को मुफ्त अनाज देने की योजना को भी आगामी वर्ष के लिए चालू रखा है। इतना ही नहीं गरीबों के आवास के लिए पीएम आवास योजना पर 79 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे। केन्द्र सरकार ने गरीबों को साफ पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 70 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
देश की सर्वाधिक आबादी कृषि कार्य (Budget 2023) पर निर्भर है। किसानों के कल्याण की बात की जाए तो बजट में कृषि व किसान कल्याण के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। केन्द्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बजट में फोकस किया है। इसके साथ ही मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाकर भारत को विश्व के मिलेट्स हब के रूप में विकसित करने की संकल्पना की गई है। इसके लिए हैदराबाद में भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान की स्थापना की घोषणा की गई है।
निर्मला सीतारमण ने बजट को अमृत काल का विजन की संज्ञा दी है और इसके तीन प्रमुख बिंदुओं में युवाओं के लिए अवसर, विकास और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए मजबूत व स्थिर विकास की परिकल्पना की गई है। इसके लिए भारत में विनिर्माण क्षेत्र और आधारभूत संरचनाओं के विकास पर बजट में जोर देने के साथ ही वित्तीय क्षेत्र को मजबूती प्रदान करते हुए समावेशी विकास पर बल दिया गया है। यह कल्पना की गई है कि उपरोक्त कार्यों से देश में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा।
युवाओं को कौशल की दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू कर देश के 47 लाख युवाओं को वर्तमान जरूरत के हिसाब से कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी कड़ी में बजट में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। देश में राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की घोषणा की गई है जो देश के साथ ही राज्य स्तर पर भी निर्मित होंगे। इसके साथ ही डीजी लाँकर के प्रयोग को बढ़ावा देने की घोषणा की गई है।
बजट में महिलाओं को साधने के लिए महिलाओं द्वारा दो लाख रुपये तक निवेश करने के लिए विशेष स्कीम की घोषणा की गई है जिसमें जमा राशि पर महिलाओं को 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा जबकि बुजुर्गों को साधने के लिए निवेश की सीमा 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दी गई है। विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत की जाएगी।
बजट में धन्ना सेठों को भी राहत दी गई है और उन पर इनकम सरचार्ज को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। इसके लिए वित्त मंत्री ने तर्क दिया कि कर को अंतरराष्ट्रीय मानको के अनुरूप बनाया जा रहा है। लेकिन 15लाख से ऊपर के निजी आय पर टैक्स स्लैब (Budget 2023) की सीमा 30 प्रतिशत बरकरार है जो समझ से परे है।