Budget 2022: इन 6 बड़े फैसलों पर सबकी निगाहें, जनता और निवेशकों को राहत देगी सरकार ?

Budget 2022: इन 6 बड़े फैसलों पर सबकी निगाहें, जनता और निवेशकों को राहत देगी सरकार ?

Budget 2022, All eyes on these 6 big decisions, will the Modi government give relief to the general public and investors,

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Budget 2022: बजट में आम जनता को क्या मिलेगा

-क्या आम जनता और निवेशकों को राहत देगी सरकार?
-इन 6 बड़े फैसलों पर सबकी निगाहें

नई दिल्ली। Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का बजट पेश करेंगी। इससे पहले सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। देश के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट आज जारी होगी।

बजट से पहले सरकार ने हर क्षेत्र के विशेषज्ञों और लोगों के विचार और सुझाव मांगे थे। सरकार हर बजट से पहले इन विचारों को जानती है। जिससे बजट का मसौदा तैयार किया जाता है।

1 फरवरी को घोषित होने वाले बजट में आम जनता को क्या मिलेगा, इस पर ध्यान दिया गया है। इस बजट में लोगों ने सरकार से फीडबैक देते हुए टैक्स छूट, इनकम स्लैब बढ़ाने की मांग की है। साथ ही जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स ब्रेक की मांग बढ़ रही है। इसलिए देखना होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को बजट में क्या पेश करेंगी।

टैक्स फ्री इनकम बढऩे की संभावना

कर मुक्त आय की सीमा को मूल छूट सीमा कहा जाता है। आम आदमी से लेकर अमीर तक की लगातार मांग रही है कि सरकार आयकर छूट की सीमा बढ़ाए। फिलहाल यह सीमा 2.5 लाख रुपये है। माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार टैक्स फ्री इनकम की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है। इसलिए अगर सरकार ऐसा फैसला लेती है तो बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी।

स्टार्टअप्स के लिए नई घोषणाएं संभव

इस साल के बजट में देश के सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप्स के लिए कुछ अच्छे तोहफे मिलने की भी उम्मीद है। स्टार्टअप कंपनियों को इस बजट में कुछ खास प्रावधान और छूट मिलने की उम्मीद है। हाल ही में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत में स्टार्टअप्स की सराहना की।

उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में कई स्टार्टअप ने यूनिकॉर्न की ओर रुख किया है। 2021 में, भारत में स्टार्टअप्स ने 4,200 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं। अब ये कंपनियां मांग कर रही हैं कि सरकार उनकी सुविधाओं में बढ़ोतरी और टैक्स छूट का भी ऐलान करे।

क्रिप्टोक्यूरेंसी पर कर निर्णय

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में अरबों रुपये का निवेश किया गया है। लेकिन सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि क्रिप्टो को वैध किया जाएगा या नहीं। ऐसे में निवेशकों में असमंजस का माहौल है। निवेशक चाहते हैं कि सरकार बजट में कुछ घोषणाएं करें।

निवेशकों का कहना है कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी पर कर चुकाने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन सरकार को एक ढांचा तैयार करना चाहिए। निवेशकों की नजर टैक्स सिस्टम के लिए बजट पर है।

रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग

इस बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। कोरोना महामारी के दौरान रियल एस्टेट पहले के मुकाबले रफ्तार पकड़ रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि हाउसिंग कंपनियां ग्राहकों को बैंकों से बेहद सस्ते कर्ज की पेशकश कर रही हैं। आज होम लोन पहले की तुलना में काफी कम है। ऐसे में सरकार को पिछले घाटे की भरपाई के लिए रियल एस्टेट सेक्टर के लिए विशेष प्रोत्साहन की घोषणा करनी चाहिए।

क्या एलटीसीजी टैक्स खत्म हो जाएगा?

विभिन्न निवेशों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। ऐसी है लोगों की मांग। निवेशक चाहते हैं कि सरकार कर को निरस्त करे। हालांकि सरकार ने इसे खत्म करने से इनकार कर दिया है।

लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि क्या यह भविष्य में बदलेगा। स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निवेशक इक्विटी शेयरों की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को समाप्त करना चाहते हैं।

इक्विटी निवेश पर एसटीटी हटाने की मांग

केंद्र सरकार इक्विटी निवेश पर एसटीटी लगाती है। एसटीटी टीडीएस के समान है और जब आप शेयर खरीदते या बेचते हैं तो उस पर टैक्स लगता है। एसटीटी को टीसीएस और टीडीएस की तरह एकत्र किया जाता है। निवेशकों का कहना है कि शेयरों की खरीद-बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन, जीएसटी और सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

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