Interview : जकांछ (जे) से टूट चुका है गठबंधन, पर खुले हैं बसपा के दरवाजे : केशव प्रसाद चंद्रा
नवप्रदेश से बातचीत में जैजपुर से बसपा विधायक ने कहा- मेरा व्यक्तिगत मत कि मरवाही उपचुनाव में पूर्व सीएम अजीत जोगी के परिवार को मौका मिलना चाहिए, लेकिन फैसला बसपा सुप्रीमो ही करेंगी
रायुपर/नवप्रदेश। बसपा विधायक (bsp mla) केशव प्रसाद चंद्रा (keshav prasad chandra) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जकांछ (जे) (jcc j) से बसपा का अभी गठबंधन (alliance) टूट चुका है, लेकिन भविष्य के लिए बसपा के दरवाजे खुले हैं। समान विचारधारा वाले दल साथ आ सकते हैं।
जैजैपुर से बसपा विधायक (bsp mla) चंद्रा (keshav prasad chandra) ने ने अपना व्यक्तिगत मत प्रकट करते हुए यह भी कहा कि मरवाही उचुनाव में पूर्व सीएम अजीत जोगी के परिवार को मौका देना चाहिए। हालांकि फैसला पार्टी सुप्रीमो मायावतीजी ही करेंगी। चंद्रा ने नवप्रदेश के संपादकीय सहयोगियों से प्रदेश में बसपा की स्थिति, पार्टी की अगली रणनीति, राज्य सरकार के कामकाज, मरवाही केे प्रस्तावित उपचुनाव, कोरोना समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
पेश हैं बातचीत के अंश…
सवाल: मरवाही सीट के उपचुनाव के लिए बसपा की रनणनीति क्या होगी?
जवाब : छत्तीसगढ़ में जकांछ (जे) (jcc j) से अब प्रदेश में हमारी पार्टी का गठबंधन (alliance) टूट चुका है। मेरा व्यक्तिगत मत है कि इस सीट पर पूर्व सीएम अजीत जोगी के परिवार को मौका दिया जाना चाहिए।
सवाल : तो क्या बसपा मरवाही से उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी?
जवाब : इसके बारे में कोई फैसला बसपा सुप्रीमो मायावती जी ही लेंगी। पार्टी संगठन में इसको लेकर विचार किया जाएगा।
सवाल: क्या आगे बसपा का जकांछ (जे) से गठबंधन हो सकता है?
जवाब : बसपा के दरवाजे इसके लिए खुले हैं। आगे गठबंधन हो सकता है। इसको लेकर पार्टी वरिष्ठ नेता विचार-विमर्श कर निर्णय ले सकते हैं। समान विचारधारा वाले दल साथ आ सकते हैं।
सवाल : प्रदेश सरकार के कामकाज को आप कैसे देखते हैं?
जवाब : जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो नई सरकार से लोगों को काफी उम्मीद थी। शुरू में लोगों को लगा कि बदलाव होगा। लेकिन डेढ़ साल में सरकार प्रशासन को टाइट नहीं कर पाई। जिससे आलम ठीक वैसा ही जैसा कभी भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुआ करता था। आम आदमी की समस्या हल नहीं हो पा रही है। बचे साढ़े तीन साल में सरकार को काफी संभलकर काम करना होगा।
सवाल : आने वाले दिनों में आप प्रदेश में बसपा के भविष्य को कैसे देखते हैं?
जवाब : प्रदेश मेंं बसपा का भविष्य उज्जवल है। राज्य के वोटरों में आदिवासी वर्ग की बड़ी संख्या है। आदिवासियों को कांग्रेस व भाजपा दोनों ने सिर्फ इस्तेमाल किया। पर दोनों का उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं है। ये लोग अब बसपा की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं।
सवाल : क्या वजह है कि बसपा जांजगीर चांपा तक सिमटती हुई नजर आ रही है।
जवाब : आज राजनीति के लिए धन की जरूरत है। बसपा गरीब वर्ग की पार्टी है। फिर भी हम प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। पार्टी ने रायगढ़ में भी सीट जीती है। अब पार्टी का फोकस ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोडऩे पर है।
सवाल : कोरोना को लेकर सरकार के कामकाज को आप कैसे देखते हैं?
जवाब : कोरोना नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार ने अच्छा काम किया है। लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने काफी कुछ किया। मैंने पहली बार प्रशासन के अधिकारियों में इतनी संवेदनशीलता महसूस की। वे प्रशंसा के पात्र हैं। हालांकि कुछ चीजें निजी हाथों में देने का सरकार का निर्णय उचित नहीं है।
सवाल : आप विधानसभा में अब पहले की तरह आक्रामक नजर नहीं आते, क्या वजह है?
जवाब : सदन में वो मेरी आक्रामकता नहीं बल्की जनता की पीड़ा की अभिव्यक्ति होती है। मैं समझता हूं कि जनता ने मुझे जिस काम के लिए चुनकर दिया है मुझे उसे ईमानदारी से पूरा करना चाहिए। मैं सदन में जनता की समस्याओं को उठाने का कोई भी क्षण नहीं गंवाता।
सवाल : मानसून सत्र को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि इसका समय काफी कम है, आप क्या कहेंगे?
जवाब : सदन का समय कम तो है। बजट सत्र भी कम समय में खत्म कर दिया गया। लेकिन मौजूदा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में ये कोई बड़ी बात नहीं है।
सवाल : आपने पिछले सत्र में जांजगीर चांपा की सड़कों का मुद्दा उठाया था, क्या वे बन गईं?
जवाब : सड़कों केे काम का टेंडर जारी हो चुका है। अभी बारिश में काम बंद है। बारिश खत्म होने पर सड़कोंं का काम शुरू हो जाएगा।