भाजपा का आरोप : प्रदेश में 15 सौ करोड़ से अधिक का चावल घोटाला, निष्पक्ष जांच की मांग |

भाजपा का आरोप : प्रदेश में 15 सौ करोड़ से अधिक का चावल घोटाला, निष्पक्ष जांच की मांग

BJP's allegation: Rice scam of more than 15 hundred crores in the state, demand for fair investigation

Rice Scam

रायपुर/नवप्रदेश। Rice Scam : छत्तीसगढ़ भाजपा पूरी तरह से 2023 के मिशन मोड़ पर दिखाई दे रही है। यही कारण है कि प्रदेश की भाजपा इकाई लगातार प्रदेश सरकार पर हमलावर है। सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर 15 सौ करोड़ के चावल घोटाले का आरोप लगाया है।

भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात भी कही है। नेताओं ने बताया कि भाजपा 7 व 8 अक्टूबर को राशन दुकानों के सामने धरना देगी। इसके अलावा 11-12 अक्टूबर को सभी जिलों के एसडीएम कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन देगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि महामारी के दौरान पीएम मोदी ने सभी ज़रूरतमंदों तक दो महीने के लिए मुफ्त चावल देने का निर्णय लिया था। महज़ सुर्खियां बटोरने के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर दो महीने और चावल बढाने की मांग की थी।लेकिन प्रधानमंत्री ने सीधे दीवाली तक सभी ज़रुरतमंदों को मुफ्त चावल (Rice Scam) देने की घोषणा की और चावल आवंटन कर भी दिया गया। लेकिन अन्य तमाम केन्द्रीय योजनाओं की तरह ही इसका लाभ भी जनता तक पहुचाने के बजाय कांग्रेस हड़प रही है। यह अपने आप में एक बड़ा घोटाला है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर डाका – साय

साय ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से हर महीने 1 लाख 385 टन अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल प्रति महीने के मान से इससे दो करोड़ से अधिक लोगों को हर महीने यह लाभ मिलना था,लेकिन इसमें से मुश्किल से एक तिहाई लोगों तक यह लाभ पहुंच रहा है। कांग्रेस सरकार ने करीब 1.5 करोड़ गरीबों के मूंह से निवाला छीना है। विधनासभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक शिवरतन शर्मा, पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नुलाल मोहले समेत भाजपा विधायकों के सवाल के जवाब में शासन ने स्वीकार किया था कि प्रति माह 1 लाख 385 टन अतिरिक्त चावल केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ को आवंटित किया जा रहा है।

हितग्राहियों तक नहीं पहुंचा राशन – कौशिक

प्रदेश में प्राथमिकता समूह के राशन कार्ड पर मई से नवम्बर 2021तक के लिए 5 किलो प्रति सदस्य के मुताबिक 7 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल का आवंटन छत्तीसगढ़ शासन को मिला, परन्तु उसका लाभ यहां ज़रूरतमंद हितग्राहियों (Rice Scam) तक कांग्रेस सरकार ने नहीं पहुंचाया है। इस आवंटन का अधिकांश चावल कांग्रेस खा गयी है। केंद्र सरकार द्वारा जहां प्रति व्यक्ति प्रति महीने 5 किलो चावल राज्य को दिया गया, परंतु सरकार ने ऐसे राशन कार्डधारी जिनके परिवार में 1, 2 और 3 सदस्य तक हैं, उनको यह अतिरिक्त चावल नहीं दिया। राशनकार्ड धारी हितग्राही को निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न प्राप्त होने की शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही है। शेष अनाज कहां जा रहा है, यह जांच का विषय है। यहां तक कि शासन के एक मंत्री ने इस बड़ी ‘गड़बड़ी’ को स्वीकार भी किया था, लेकिन ऐसे घोटाले जारी हैं।

पांच लाख टन चावल डकार गई सरकार

औसतन एक राशन कार्ड पर तीन से चार सदस्य होते हैं, जिसमें 1, 2 और 3 सदस्यों तक वाले राशनकार्ड पर यह लाभ नहीं दिया जा रहा है।इस मान से अगर एक मोटा अनुमान लगाया जाय तो लगभग दो तिहाई लोगों के हिस्से का चावल गबन कर लिया जा रहा है।यानी गरीबों के हिस्से का लगभग पांच लाख टन चावल राज्य सरकार हड़प गयी है। इससे पहले भी राज्य शासन ने पंचायतों को दिए एक-एक क्विंंटल चावल की कीमत 32 सौ रुपये प्रति क्विंटल वसूल किया था जबकि कांग्रेस उसे मुफ्त (Rice Scam) देने की बात कर रही थी। चावल का सरकारी रेट 32 रुपया किलो के मान से मोटे तौर पर यह घोटाला 16 सौ करोड़ से अधिक का है।

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