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BJP On Hemanr Soren : बीजेपी का हेमंत सोरन के लिए नारा, झूठ, लूट और भ्रष्टाचार के तीन साल, कह दी ये बड़ी बात

पलामू, नवप्रदेश। झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सांसद पीएन सिंह ने हेमंत सोरेन सरकार पर टिप्पणी की है। टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और खनिज संपदा की लूट के मामलों में यह सरकार पूरी तरह घिर चुकी है।

ईडी समेत कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। अपने कर्मों के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। इस सरकार का बीच में ही अंत होना तय है।

झूठ, लूट और भ्रष्टाचार के तीन साल

राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने पर भाजपा हमलावर है। भाजपा ने नारा दिया है कि झूठ, लूट और भ्रष्टाचार के तीन साल।

भाजपा के नेता कमिश्नरेट लेबल पर संवाददाता सम्मेलन कर राज्य सरकार की विफलताओं को जनता के बीच रख रहे हैं। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री पीएन सिंह सोमवार को पलामू में थे। उन्होंने भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर हेमंत सरकार की नाकामियों को गिनाया।

तीन साल में महज 357 युवाओं को दी गई नौकरी

उन्होंने कहा कि चुनाव के समय सोरेन ने हर साल पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। सरकार ने  विधानसभा में  स्वीकार किया है कि पिछले तीन साल में वह गिनती के 357 लोगों को ही नौकरी दे पाई है।  हेमंत सोरेन ने चुनावों में बेरोजगारी भत्ता देने की बात थी लेकिन कोई बेरोजगारी भत्ता बेरोजगारों को नहीं दिया जा रहा है।

खनिज संपदा की मची लूट

हेमंत सरकार पर हमला करते हुए सिंह ने कहा कि राज्य में खनिज संपदा की लूट मची हुई है। मुख्यमंत्री से लेकर उनके विधायक प्रतिनिधि और पत्नी तक का नाम घोटाले में सामने आया है। इन सब मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री सोरेन 1932 का खतियान और भाषा का खेल खेल रहे हैं।

विपक्ष के सवालों पर खेल रहे हैं भावनात्मक खेल

सोरेन ने विधानसभा में खुद कहा था कि 1932 का खतियान लागू नहीं किया जा सकता है। जब भ्रष्टाचार में फंसे तो 1932 का प्रस्ताव विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की बात कर रहे हैं। यह लागू हो सकता है तो उन्हें खुद कर देना चाहिए। विपक्ष के सवालों का जवाब न देकर भावनात्मक खेल खेल रहे हैं।

कुल बजट का महज 30 फीसद हुआ खर्च

सांसद सिंह ने राज्य सरकार के बजटीय खर्च पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के नौ महीने में राज्य का कुल बजट 57 हजार करोड़ रूपये का था लेकिन बजट का महज 30 से 35 फीसद ही खर्च किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार के वित्तीय मिसमैनेजमेंट के कारण हो रहा है। राज्य सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। केंद्र सरकार ने जितना रघुवर दास के समय राज्य को पैसा नहीं दिया उतना हेमंत सरकार को अब तक दे चुकी है।

योजनाओं को किया जा रहा बंद

पीएन सिंह ने आगे कहा कि खनन के साथ अन्य क्षेत्रों में भी रेवेन्यु कलेक्शन के नाम पर लूट की छूट दी गई है। इसका सीधा असर राज्य की विकास पर पड़ रहा है। अब समग्र शिक्षा अभियान और आयुष्मान भारत योजना में राज्य सरकार अपना अंशदान नहीं दे रही है। इससे अब इन दोनों योजना को बंद करने की बात भी शुरु हो गई है।

तीन सालों में चरमराई कानून व्यवस्था

राज्य में कानून व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा गई है। पुलिस-पदाधिकारियों का ध्यान विधि-व्यवस्था के बजाय खनिज संपदा से लूट के पैसे के हिसाब पर है। राज्य में दलित-आदिवासी लड़कियां सुरक्षित नहीं है। दुष्कर्म की घटना तो रोजाना सुर्खियां बटोर रही है।

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