अंधड़ और बारिश से मिली राहत, आंधी, बारिश से कई जगह पेड़ गिरे, बिजली रही बंद

अंधड़ और बारिश से मिली राहत, आंधी, बारिश से कई जगह पेड़ गिरे, बिजली रही बंद

शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी और तेज लू से दोपहर बाद मौसम में आया परिवर्तन
नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। प्रदेश में बढ़ते तापमान और उमस भरी तेज गर्मी से लोगों को राहत की बारिश से कुछ आराम मिला। आज पूरे प्रदेश में नवतपा के चौथे दिन दोपहर बाद अचानक ही मौसम में बदलाव देखने को मिला। दोपहर बाद शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में बारिश हुई। वही तेज आंधी तूफान के कारण बिजली कटौती से पूरा शहर परेशान रहा।
प्रदेश में आज सबसे ज्यादा गर्म बिलासपुर रहा। कल राज्य के कुछ हिस्सों में तेज बारिश और ओला गिरने का असर आज पूरे प्रदेश में देखा गया। शाम को मौसम के मिजाज बदलने से गर्मी से मिली वही तापमान में भी मामूली गिरावट आयी। बारिश के पहले तेज आंधी और धूल भरे तूफान से राहगीर परेशान होते नजर आए। तिफरा ओवर ब्रिज में लगाए अस्थायी बैरियर भी तेज हवा में सडुक में इधर उधर पड़े नजर आये।
बिजली कटौती से लोग परेशान
विगत कुछ दिनों से बिजली कटौली शहरवासियों के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुकी हैं। कल जैसे ही आंधी तूफान शुरू हुआ शहर के अधिकांश क्षेत्रों में लोग बिजली कटौती से परेशान नजर आये। बिजली की आंख मिचौली देर शाम तक चलती रही। अचानक मौसम के मिजाज बदलने से कुछ देर सड़कों में आवाजाही भी बंद रही। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में गर्मी एक बार फिर अपने तीखे तेवर दिखाएगा। वही मौसम विभाग ने इस बार मानसून आगमन को भी 10 जून के बाद बताया है। जून के पहले सप्ताह में मानसून केरल पहुंचेगा उसके तीन से चार दिनों के बाद छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक होगी।


रेलवे क्षेत्र में दो दर्जन पेड़ गिरे
तेज हवाओं के कारण तितली चौक से लेकर बड़ा गिरजा चौक के बीच ही 2 दर्जन से अधिक पेड़ों की टहनियां और डंगाल टूटकर सड़क पर गिर गए। जिससे यहां यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। तेज हवा की वजह से रेलवे नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट मैदान की एक दीवार भी ढह गई। वहीं यहां जारी फुटबॉल मैच के लिए लगाए गए फ्लड लाइट के टावर भी धराशायी हो गए। 15 मिनट चली अंधड़, अपने पीछे तबाही के नजारे छोड़ गई। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई है। वही पेड़ों के गिरने से बिजली के तार और केबल के वायर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आंधी के थमने के बाद सड़क पर टूट कर गिरी पेड़ों की डालियों को हटाने गया।

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