बियाबान जंगलों व नक्सलियों के गढ़ से पैदल चल घर लौटने को मजबूर बस्तर के मजदूर

बियाबान जंगलों व नक्सलियों के गढ़ से पैदल चल घर लौटने को मजबूर बस्तर के मजदूर

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सुकमा/नवप्रदेश। बस्तर (bastar labourer) क्षेत्र के मजदूर लॉकडाउन (lockdown) में यातायात सुविधा बंद होने के कारण बियाबान जंगलों व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के रास्ते घर वापस (returning home) पहुंच रहे हैं। कुछ दिन पहले शुरू हुआ यह सिलसिला अब भी जारी है। वहीं प्रशासन ग्रामीणों के सहयोग से वापस लौटे इन मजदूरों का स्वास्थ्य जांच कर इन्हें आइसालेशन में रख रही है।

लेकिन बस्तर (bastar labourer) क्षेत्र के मजदूर लॉकडाउन (lockdown) इतनी बड़ी तादाद में अलग-अलग जगहों पर पहुंच रहे हैं कि उनकी जानकारी रखना भी प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। रविवार को भी करीब 84 स्थानीय ग्रामीण मजदूर धुर नक्सल प्रभावित किस्टाराम, गोलापल्ली जैसे इलाकों से पैदल चलकर सुकमा घर वापस (returning home) पहुंच रहे हैं।

आंधप्रदेश व तेलंगाना की सीमा से सटा है क्षेत्र

आन्ध्र प्रदेश व तेलंगाना की सीमा जिले के कोंटा से लगे होने से सुकमा जिले में सबसे ज्यादा ग्रामीण मजदूर पड़ोसी राज्यों से कोंटा पंहुच रहे हैं। जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से लगातार मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। पलायन कर मजदूरी करने गए ग्रामीण अब मजबूरी में वापस लौट रहे हैं। क्योंकि वहां रोजगार नहीं मिलने से अपने पैसों से खाना पड़ रहा था। पैसे खत्म हो गए, इसलिए मजबूरी में पैदल आ गए। मजबूरी का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कल करीब 84 ग्रामीण मजदूर धुर नक्सल प्रभावित किस्टाराम, गोलापल्ली जैसे इलाकों से पैदल चलकर पहुंचे हैं।

एसडीएम बोले ऐहतियातन रख रहे आइसोलेशन में

कोंटा एसडीएम हिमांचल साहू ने बताया कि दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों की जांच कर उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। कल करीब 84 ग्रामीण मजदूर सुकमा पंहुचे हैं, जिन्हें अइसोलेशन राहत शिविर में रखा गया है।

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