Bageshwar Dham Tent Collapse : धाम की दीवारों तक गूंजा मातम…बागेश्वर परिसर में गिरा टेंट…एक श्रद्धालु की मौत…कई घायल…

3 जुलाई, छतरपुर| Bageshwar Dham Tent Collapse : बागेश्वर धाम — जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ पहुंचते हैं, वहीं गुरुवार की सुबह आस्था पर हादसे की परछाई पड़ गई। सुबह की आरती के ठीक बाद अचानक गिरे टेंट से एक श्रद्धालु की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। बारिश से बचने के लिए जैसे ही श्रद्धालु टेंट के नीचे पहुंचे, लोहे का एंगल गिरा और बस्ती (उत्तर प्रदेश) से आए श्यामलाल कौशल (उम्र 50) के सिर पर आ गिरा।
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के अनुसार, हादसा सुबह करीब 7 बजे हुआ। छतरपुर के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम परिसर में भारी बारिश के चलते टेंट का संतुलन बिगड़ा और वह गिर (Bageshwar Dham Tent Collapse)गया। टेंट का लोहे का एंगल सीधे श्यामलाल कौशल के सिर पर गिरा जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसी हादसे में 8 श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिनमें राजेश, सौम्या, पारुल और उन्नति जैसे नाम शामिल हैं। सभी को छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या बोले पीड़ित?
पीड़ित राजेश कुमार कौशल ने बताया –
“हम छह लोग बुधवार रात बागेश्वर धाम पहुंचे थे। शुक्रवार को पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का जन्मदिन है, इसलिए गुरुवार सुबह दर्शन के लिए निकले (Bageshwar Dham Tent Collapse)थे। जैसे ही आरती के बाद बारिश शुरू हुई, सभी लोग टेंट के नीचे गए… और अचानक सबकुछ खत्म हो गया।” राजेश के ससुर श्यामलाल कौशल की वहीं मृत्यु हो गई।
पुलिस और प्रशासन ने क्या किया?
हादसे के बाद पुलिस ने तुरंत शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक किसी प्रकार की लापरवाही को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया (Bageshwar Dham Tent Collapse)है, लेकिन प्रशासन पर सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर गंभीर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं।
क्या हादसा रोका जा सकता था?
बागेश्वर धाम जैसी विशाल श्रद्धा-स्थली में मानसून के दौरान सुरक्षा इंतजाम अत्यंत आवश्यक हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि –
“इतनी बड़ी भीड़ और बारिश के मौसम में सुरक्षा टेंटों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए था।”
बागेश्वर धाम – जहां भक्ति और दिव्यता का संगम होता है
छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम श्री बालाजी महाराज (हनुमान जी) की दिव्यता के लिए जाना जाता है। यहाँ के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज देशभर में प्रसिद्ध कथावाचक और संत के रूप में पहचाने जाते हैं।