संपादकीय: अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना
Arvind Kejriwal’s new location: नए दिल्ली के भूतपूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार अपना नया ठिकाना ढ़ूंढ़ लिया है। अब उन्होंने मुख्यमंत्री निवास छोड़ दिया है और आम आदमी पार्टी के एक राज्यसभा सदस्य के निवास पर रहने चले गए हैं।
गौरतलब है कि नई दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वे मुख्यमंत्री के रूप में काम नहीं कर पाएंगे।
नतीजतन उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह आतिशी नई दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाई गईं। उसी समय अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा की थी कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री निवास खाली कर देंगे।
अरविंद केजरीवाल के लिए आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने अपना आवास देने की पेशकश की थी। जिस पर विचार करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य के बंगले को अपने लिए उपयुक्त माना और पितृ पक्ष खत्म होने के बाद वे वहां शिफ्ट हो गए।
उनके साथ ही नई दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अपना आवास खाली कर दिया है और वे भी एक अन्य राज्यसभा सदस्य के बंगले में शिफ्ट कर गए हैं।
अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री निवास को खाली करने की घटना को आम आदमी पार्टी के नेता विभिन्न खबरिया चैनलों पर इस तरह बता रहे हैं मानो उन्होंने कोई बहुत बड़ा त्याग कर दिया हो। जब वे मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह गए हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री निवास खाली करना ही था।
वैसे भी यदि वे राजनीति में सुचिता का परिचय देना चाहते हैं तो कायदे से तो उन्हें नई दिल्ली के विधायकों के लिए आबंटित किसी बंगले में शिफ्ट करना चाहिए था।
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया अब सिर्फ विधायक रह गए हैं इसलिए नियमानुसार उन्हें किसी विधायक निवास में ही अपना नया ठिकाना बनाना चाहिए था। लेकिन दोनों ने ही राज्यसभा सदस्यों के लिए आबंटित बड़े बंगलों में जाना पसंद किया।
अब अरविंद केजरीवाल के द्वारा खाली किए गए मुख्यमंत्री निवास के बारे में यह अटकलें लगाई जा रही है कि क्या उसमें नई दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी रहने जाएंगी या फिलहाल मुख्यमंत्री निवास खाली ही पड़ा रहेगा।
आतिशी भले ही नई दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी अलग कुर्सी लगवा रखी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कुर्सी को खाली रखा गया है। इस बारे में आतिशी ने बयान दिया था कि जिस तरह भगवान श्रीराम 14 साल के लिए वनवास गए थे।
तब भरत ने राज्य सिहासन पर श्रीराम की चरण पादुुका रखकर खड़ाऊ राज चलाया था। उसी तरह वे भी नई दिल्ली में खड़ाऊ राज चलाएंगी। जाहिर है ऐसी स्थिति में आतिशी मुख्यमंत्री निवास में जाकर रहने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगी।
बहरहाल अरविंद केजरीवाल का ठिकाना बदले जाने को लेकर भी सियासत तेज हो गई है। एक ओर जहां आम आदमी पार्टी के नेता इसे अरविंद केजरीवाल के त्याग के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के नेता इसे अरविंद केजरीवाल की नई नौटंकी करार दे रहे हैं।