Amrit Mahotsav : बदलते समय की मांग है अनुसंधान
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Amrit Mahotsav
Amrit Mahotsav : स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से एक नया नारा दिया है- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था जो हमारे देश में अजर अमर नारा बन गया है।
इस नारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जय विज्ञान जोड़ा था और अब उन्होने इसमें जय अनुसंधान भी जोड़ दिया है। वास्तव में बदलते समय की मांग है अनुसंधान। भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए कृषि क्षेत्र में प्रगति के लिए कृषि जगत में नित नए अनुसंधान की तीव्र आवश्यकता है ताकि बढ़ती आबादी के अनुरूप देश में (Amrit Mahotsav) खाद्यान्न उत्पन्न हो और देश के मेहनतकश किसानों को लाभ मिल सके।
देश में कृषि की दिशा और किसानों की दशा बदलने के लिए कृषि क्षेत्र में नित नए अनुसंधान करने की सख्त जरूरत है। इसी तरह उद्योग, शिक्षा और चिकित्सा जैसे अन्य क्षेत्रों में भी अनुसंधान को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। तभी हम भारत को विकासशील देशों की श्रेणी से ऊपर उठाकर एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार कर पाएंगे। दुनिया के तमाम विकसित देश हर क्षेत्र में अनुसंधान कर रहे है और उसी के अनुरूप तरक्की की सीढिय़ां भी चढ़़ रहे है।
चिकित्सा क्षेत्र का ही उदाहरण लें, अमेरिका ने कैंसर जैसे लाईलाज रोग का उपचार भी ढ़ूंढ निकाला ह। वहां के चिकित्सकों ने इस बारे में गहन अनुसंधान किया और आखिरकार उन्हे कामयाबी हासिल हुई। भारत में भी ऐसे ही अनुसंधान की जरूरत है। आने वाला समय कैसा होगा कब कौन सी बीमारी महामारी का रूप धारण कर लेगी इस बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। कोरोनाकाल में भारत ने कोरोना की वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल कर सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया था।
इसके लिए भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञ (Amrit Mahotsav) और वैज्ञानिक बधाई के पात्र है जिन्होने कम समय में कोरोना की असरकारक वैक्सीन बनाने में सफलता अर्जित कर ली थी। यही वजह है कि दुनिया के अन्य देशा के मुकाबले भारत में कोरोना का कहर अपेक्षाकृत कम रहा। भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है बस जरूरत इस बात की है कि उन प्रतिभाओं को उचित अवसर और वातावरण प्रदान किया जाएं ताकि वे विभिन्न क्षेत्रों में चमत्कारिक अनुसंधान कर सकें और एक नया भारत गढऩे में अपना अमूल्य योगदान दे सके।