Adani Got Clean Cheat : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत, अडानी समूह को मिली क्लीन चीट
नई दिल्ली, नवप्रदेश। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद संकट में घिरे गौतम अडानी समूह को मॉरीशस की सरकार ने बड़ी राहत दी है। मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री ने संसद में बताया कि देश में अडानी समूह की फर्जी कंपनियों के मौजूद होने का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट झूठ और आधारहीन (Goutam Adani Got Clean Cheat) है।
दरअसल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप के बारे में मॉरीशस के एक संसद सदस्य ने सरकार से सवाल पूछा था। इसके जवाब में वित्तीय सेवा मंत्री महेन कुमार सीरुत्तन ने कहा कि मॉरीशस का कानून फर्जी कंपनियों की मौजूदगी की इजाजत नहीं देता (Goutam Adani Got Clean Cheat) है।
सीरुत्तुन ने कहा कि वित्तीय सेवा आयोग (FSC) से लाइसेंस लेने वाली सभी ग्लोबल कंपनियों को जरूरी शर्तों पर खरा उतरना होता है और आयोग इसपर कड़ी निगाह रखता है। उन्होंने अडानी समूह के मामले को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि अब तक ऐसा कोई भी उल्लंघन नहीं पाया गया है।
मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री ने कहा कि FSC ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर गौर किया है लेकिन कानून की गोपनीयता धारा से बंधे होने से इसके विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता (Goutam Adani Got Clean Cheat) है।
इसके पहले FSC के सीईओ धनेश्वरनाथ विकास ठाकुर ने कहा था कि मॉरीशस में अडानी समूह से संबंधित सभी कंपनियों के मूल्यांकन में नियमों को लेकर कोई खामी नहीं पाई गई है।
बता दें कि अमेरिकी सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अरबपति गौतम अडानी ने अपनी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों के भाव में हेराफेरी करने के लिए मॉरीशस में बनाई गई फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया है। इन आरोपों को अडानी समूह ने भी सिरे से खारिज किया था और अब मॉरीशस की सरकार ने रिपोर्ट को झूठा बताया है।
हालांकि, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अडानी समूह और मॉरीशस की दो फर्मों- ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मान लिमिटेड के बीच संबंधों का आकलन कर रहा है। इन फर्मों ने अडानी एंटरप्राइजेज की तरफ से जनवरी के अंत में लाए गए एफपीओ में प्रमुख निवेशकों के तौर पर हिस्सा लिया था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद विवाद बढ़ने पर कंपनी ने एफपीओ को वापस ले लिया था।